जांजगीर-चांपा पुलिस का अभिनव कदम — “ऑपरेशन शिक्षा उपहार” से ड्रॉपआउट बच्चों को मिलेगी नई दिशा

जांजगीर-चांपा, 1 नवंबर ।
जिले की पुलिस ने अपराधों की रोकथाम और सामाजिक पुनर्वास की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडे (IPS) के निर्देशन में “ऑपरेशन शिक्षा उपहार” नामक विशेष अभियान की शुरुआत की जा रही है। इस पहल का उद्देश्य उन बच्चों और युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाना है, जिन्होंने किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ दी है।
इस योजना के तहत ड्रॉपआउट बच्चों की पहचान कर उन्हें शिक्षा और समाज से पुनः जोड़ा जाएगा। पुलिस का यह प्रयास केवल अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक जिम्मेदारी और मानवीय दृष्टिकोण का उदाहरण भी है।
जिले के विभिन्न कॉलेजों—अकलतरा, शिवरीनारायण, पामगढ़ और बलौदा के प्राचार्यों एवं प्रोफेसरों की बैठक लेकर अभियान की रूपरेखा तय की गई है। बैठक में ड्रॉपआउट बच्चों के सर्वे, उनके बायोडाटा निर्माण और पुनर्वास की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा हुई।
पुलिस द्वारा सभी कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के विद्यार्थियों की मदद से ऐसे बच्चों की पहचान करें, जिन्होंने पारिवारिक, आर्थिक या अन्य कारणों से पढ़ाई छोड़ दी है। साथ ही, ऐसे बच्चे जो शिक्षा में कमजोर हैं लेकिन खेल, संगीत या अन्य कला में दक्ष हैं, उन्हें भी सूचीबद्ध किया जाएगा।
इन बच्चों की सूची तैयार होने के बाद जिला पुलिस टीम उनके साथ काउंसलिंग और मार्गदर्शन सत्र आयोजित करेगी। इसके साथ ही कलेक्टर और संबंधित विभागों—शिक्षा, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास—के सहयोग से उन्हें पुनः स्कूल या कॉलेज में दाखिला दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडे ने बताया कि “ऑपरेशन शिक्षा उपहार” का उद्देश्य केवल अपराध पर अंकुश लगाना नहीं है, बल्कि युवाओं को जीवन की सही दिशा दिखाना और समाज में स्थायी शांति व्यवस्था स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि ड्रॉपआउट बच्चों में से कई गलत संगत या नशे की प्रवृत्ति के कारण अपराध की ओर बढ़ जाते हैं। इसलिए इस अभियान के माध्यम से पुलिस अब समस्या की जड़ तक पहुंचकर समाधान करने जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ने जिले के नागरिकों, शिक्षकों, सामाजिक संगठनों और अभिभावकों से अपील की है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से सहयोग करें। उनका कहना है कि “ऑपरेशन शिक्षा उपहार” न केवल अपराध की रोकथाम में मदद करेगा, बल्कि अनेक बच्चों को एक नया जीवन, नया अवसर और बेहतर भविष्य देने में मील का पत्थर साबित होगा।




