जांच में लीपापोती कर रहे अफसर: सीहोर डिप्टी रेंजर बहाल बिना अनुमति वनक्षेत्र से हुई थी मुरम खुदाई

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सीहोर24 मिनट पहले
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एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्ट अधिकारियों और गड़बड़ी करने वालें कर्मचारी व अधिकारियों को लेकर काफी सख्ती दिखा रहे हैं। कार्यक्रमों के दौरान खुले मंचों से कार्रवाई कर रहे हैं। वहीं दूसरी और उन्हीं के गृह जिले सीहोर के अफसर अनियमितता और नियम विरूद्ध कार्य करने में लगे हुए हैं। उन पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इन दिनों ऐसा ही एक मामला वन विभाग से जुड़ा सामने आया है। जहां जांच के दौरान पहले तो डिप्टी रेंजर को उक्त वन परिक्षेत्र से हटा दिया गया था लेकिन जांच को ठंडे बस्ते में डाल अब दोबारा डिप्टी को परिक्षेत्र में पदस्थ कर दिया गया है।
यह पूरा मामला अहमदपुर वृत्त के कुशलपुरा बीट का है, जहां पर दो किलोमीटर रोड़ कुशलपुरा से उमरझील का उन्नयन कार्य किया गया। शिकायत यह थी कि इस निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा वन भूमि से मुरम खोदने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई। नाकेदार, डिप्टी रेंजर और ठेकेदार की मिली भगत से लाखों रुपए की मुरम वन क्षेत्र से अवैध रूप से खनन की गई। इस बात की शिकायत ग्रामीणों ने की है।
मामले में डीएफओ ने संज्ञान लेते हुए जांच के निर्देश दिए और एसडीओ द्वारा जांच की गई। जांच के दौरान डिप्टी रेंजर को सीहोर रेंज में अटैच किया गया था जबकि नाकेदार धीरज माली को बीट से हटा दिया गया था।उक्त क्षेत्र से बडी मात्रा में मुरम खोदकर सडक निर्माण में उपयोग में लाई गई। यहां पर पदस्थ नाकेदार और डिप्टी रेंजर ने मिलकर सडक निर्माण करने वाले ठेकेदार को फायदा पहुंचाया लेकिन वन राजस्व को बडी क्षति हुई है।
जब जांच में आरोपी बनाए गए डिप्टी रेंजर को फिर भी वन परिक्षेत्र अहमदपुर में पदस्थ कर दिया गया। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इन आरोपी कर्मचारियों को वनविभाग में कौन अफसर संरक्षण दे रहे हैं। डीएफओ अनुपम सहाय का कहना है कि जांच चल रही है हाल फिलहाल डिप्टी रेंजर सुनील चौहान को अहमदपुर पदस्थ किया गया है।
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