Chhattisgarh

जवारा विसर्जन में मड़वारानी के समितियों की मनमानी

करतला।वैसे तो मड़वारानी के नाम पर बनी समितियां सभी मुद्दों पर मनमानी करती आ रही हैं जैसे भारत भर में विजया दशमी का पर्व अश्विन शुक्ल 10वीं को मनाया जाता है यह एक शास्त्रोक्त परंपरा है और नवरात्रि की शुरुआत अश्विन शुक्ल प्रतिपदा से होती है जो 9वीं तिथि को समाप्त होकर 10वीं को रावण दहन किया जाता है लेकिन मड़वारानी में कार्यरत तीनों समितियां तिथियों का निर्धारण अपनी मर्जी से करते हैं और रावण दहन के पश्चात यहां पंचमी मनाया जाता है उसी के अनुसार आगे का आयोजन निर्धारित किया जाता है लेकिन इसमें भी इनके मत समान नहीं होते मशलन एक समिति जो भाजपा समर्थक है उसका जवारा विसर्जन आज होगा जबकि कांग्रेस समर्थित समिति का कल होगा इस तरह ये समितियां अपने स्वयं के द्वारा बनाए कानून को अमल में लाकर अपनी मनमानी करते हैं इन्हे न तो कोई पंचांग की तिथि से लेना देना है न ही ये कोई कैलेंडर को मानते हैं।


मड़वारानी में बनी समितियों की मनमानी तथा भर्राशाही पर रोक लगाने एवं यहां के समयानुकूल विकास के लिए इस क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिकों ने कोरबा के जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को अनेकों बार ज्ञापन देकर मांग किया है मड़वारानी पर्वत के नीचे स्थित सभी पंचायतों ने भी मड़वारानी को ट्रस्ट बनाने के लिए प्रस्ताव प्रशासन को प्रेषित किया है लेकिन अभी तक किसी के कान में आवाज नहीं पहुंच पा रही है उल्लेखनीय है कि मड़वारानी में पर्यटन विभाग द्वारा कई बार सर्वे किया गया है तथा इसके उचित ढंग से विकास करने के लिए पर्यटन विभाग भी तैयार है लेकिन सवाल यह है कि यदि मड़वारानी के विकास के लिए उसके द्वारा फंड जारी किया जाता है तो किसके नाम पर करे? क्योंकि यहां तो कई लोग मालिक बनकर बैठे हुए हैं नीचे एक मालिक तो ऊपर दो मालिक हैं असली कौन है किसी को पता नहीं है सब अपनी डफली अपना राग अलापने में लगें है जब कभी जिला प्रशासन द्वारा ट्रस्ट के लिए कोई पहल की जाती है भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता प्रशासन पर दबाव बनाने लगते हैं


मुझे आज तक एक बात समझ में नहीं आती कि मड़वारानी में कार्यरत सभी समितियां अपने आप को पाक साफ समझती हैं फिर इन्हें ट्रस्ट बनने पर ऐतराज क्यों है? ये समितियां यहां के समग्र विकास की दुश्मन क्यों है?मेरा दावा है कि सभी समितियां भ्रष्ट हैं और इसीलिए वे केवल अपनी दुकानदारी चलाना चाहती हैं जो ट्रस्ट बनने पर समाप्त हो जायेंगीइस बार जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दोनों ने काफी गंभीरता पूर्वक मेले का संचालन करने के लिए अपना योगदान दिया है कोरबा के जिला कलेक्टर द्वारा प्रथम बार मड़वारानी पहाड़ में प्रतिदिन भंडारे का आयोजन सभी लोगों के लिए किया है तथा दुकानों को भी ठीक ढंग से संचालन हो इसकी व्यवस्था की गई है जो आज तक किसी भी समिति ने नहीं किया था इसी प्रकार उरगा पुलिस द्वारा युवक युवतियों के लिए एक सुरक्षित सेल्फी जोन बनाया गया है जहां से सेल्फी लिया जाता है सुरक्षा के लिए भी काफी व्यवस्था की गई है वन विभाग द्वारा बैरियर लगाया गया है तथा ग्राम सचिवों की भी ड्यूटी लगाई गई है ऐसा चाक चौबंद व्यवस्था पहली बार हुआ है लेकिन यह भी निश्चित है कि जब तक मड़वारानी को ट्रस्ट नहीं बनाया जाता है यहां पर मुक्कम्मल व्यवस्था नहीं हो सकता।

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