वन स्टॉप सेंटर नें लौटाई 2 परिवारों की खुशियां: 26 साल लिव इन में रहने के बाद महिला को छोडा, सेंटर पर दोनों पक्षों की हुई काउंसिलिंग

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धार37 मिनट पहले
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धार में महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे वन स्टॉप सेंटर के माध्यम से दो महिलाओं का बिखरा हुआ परिवार फिर एक हो गया है। जिसके कारण अब दोनों घरों में खुशियां लौट आई है। हालांकि इस दौरान सखी सेंटर की प्रशासक सहित परामर्शदाता को कई मर्तबा काउंसिलिंग करना पड़ी, जिसके बाद दोनों परिवार में सहमति बनी और दंपती खुशी-खुशी अपने घर की और लौट गए है। इसमें से एक परिवार में महिला व पुरुष 26 सालों से लिव इन में रहे थे। आपसी मनमुटाव के बीच दोनों अलग हो गए थे।
प्रशासक ज्योत्सानसिंह ठाकुर ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए एक छत के नीचे सारी सुविधा उपलब्ध करवाता है। इसी कड़ी में वन स्टॉप सेंटर पर फिर दो घरों की खुशियां लोट आई है। यहां पर आने वाले सभी महिलाओं के समस्याओं को ध्यान में रखकर सभी के लिए यथोचित कार्रवाई की जाती है। प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक महिला जिसकी उम्र 52 साल है उसने वन स्टॉप सेंटर पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई कि 55 साल बुजुर्ग के साथ उसका प्रेम संबंध थे। जिसके चलते करीब 26 सालों से दोनों एक साथ निवास कर रहे थे। दोनों के रिश्ते से एक बेटी भी हुई। लेकिन कुछ समय पहले पुरुष पक्ष के लोगों ने जातिसूचक शब्दों का उपयोग करके मारपीट की थी। जिसके बाद दोनों पक्षें को परामर्श के लिए बुलाया गया। इस दौरान करीब 4 बार काउंसिलिंग करके परिवार को समझाइश दी गई, तब दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ पहले की तरह रहने को तैयार हुए।
बेटी हुई बीमार, महिला ने किया संपर्क
प्रशासक के अनुसार दूसरे प्रकरण में नवविवाहिता ने बताया कि शादी को लगभग एक साल हो गया था। पहले ससुराल पक्ष द्वारा शादी के लिए मना किया गया था, लेकिन महिला की मां द्वारा बात कर उन्हें शादी के लिए राजी किया गया। दोनों की शादी की गई और शादी के बाद से ही महिला को उनकी सास व पति द्वारा बात-बात पर ताने मारना व परिवार में एक ही हॉल में सभी को एक साथ रखने की बात कही गई।
वहीं महिला को अलग से कोई कमरा रहने के लिए नहीं दिया गया, ऐसे में महिला ने हिम्मत नहीं हारते हुए सेंटर पर पहुंचा। इस दौरान महिला ने बताया कि उसकी एक छ: माह की बेटी भी है। जिसका स्वास्थ्य खराब हो गया था, अस्पताल में भर्ती किया गया। वहां पर आधार और समग्र आईडी मांगे गए, किंतु सभी दस्तावेज पति के घर पर थे। ऐसे में वन स्टॉप सेंटर पर इस बात की सूचना फोन से मिली। फिर वन स्टॉप सेंटर ने महिला के ससुराल में फोन किया व दस्तावेज बुलवाए। जिसके कारण ही बच्चीं का उपचार हो सका। साथ ही स्टॉप सेंटर के द्वारा पति व पत्नी की काउंसलिंग की गई।
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