छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहली बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को मिला विधायक का पद, पाली- तानाखार से तुलेश्वर सिंह ने पाया जनता का प्यार और विश्वाश

कोरबा की पाली- तानाखार विधानसभा में बड़ा उलटफेर करते हुए गोंगपा से तुलेश्वर सिंह मरकाम ने चुनाव जीत लिया है। उन्होंने भाजपा ने पाली- तानाखार से रामदयाल उइके और कांग्रेस की दुलेश्वरी सिदार को हारकर ऐतिहासिक जीत हासिल की है। इस जीत के साथ ही राज्य गठन के बाद पहली बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को विधायक मिला है। तुलेश्वर सिंह गोंगपा के संस्थापक हीरा सिंह मरकाम के बेटे हैं।
पाली- तानाखार विधानसभा में वर्ष 1957 से लेकर 2018 तक कांग्रेस ने 8 बार इस सीट पर सफलता प्राप्त की है। 2 बार निर्दलीय, 2 बार बीजेपी और एक- एक बार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और जनता पार्टी को जीत मिली थी। साल 2023 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस, गोंगपा और भारतीय जनता दल तीनों दल के उम्मीदवार चुनावी मैदान पर उतर चुके हैं। 1993 से 2018 तक के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस और गोंगपा के बीच सीधी टक्कर होते रही है। साल 1998 के विधानसभा चुनाव में ही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी उम्मीदवार हीरा सिंह मरकाम को विजय मिली थी। दिवंगत नेता हीरा सिंह मरकाम गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के सुप्रीमो थे। इस सीट पर 1993, 2003, 2008, 2013, 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने विजय पताका का लहराई थी।
जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ, तब गोगंपा के हीरा सिंह मरकाम विधायक थे। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी छत्तीसगढ़ में हर बार विधानसभा का चुनाव लड़ती आई है, हालांकि राज्य बनने के बाद से इस पार्टी पहली बार जीत मिली है।इस सीट पर हमेशा ही कांग्रेस का दबदबा रहा है। 1993 से लेकर 2018 तक हुए 6 चुनावों में बीजेपी यहां तीसरे दर्जे की पार्टी रही है। भारतीय जनता पार्टी ने 33 साल पहले 1990 में इस सीट से चुनाव जीता था। इस बार मुकाबला कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) के बीच था।