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छोटी उम्र में मेकअप से बच्चियों को हो सकता है नुकसान — शहनाज़ हुसैन

कहावत है कि बेटियां कब बड़ी हो जाती हैं, पता ही नहीं चलता। लेकिन आज के दौर में यह बात पहले से भी ज्यादा सच होती दिख रही है। अब कम उम्र की बच्चियों में भी मेकअप का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। कभी मां या घर की अन्य महिलाओं को देखकर, तो कभी सोशल मीडिया के प्रभाव में आकर, बच्चियां मेकअप करने की जिद करने लगती हैं। कई बार माता-पिता भी उन्हें मना करने के बजाय खुद प्रोत्साहित कर देते हैं।

मशहूर सौंदर्य विशेषज्ञ शहनाज़ हुसैन का कहना है कि छोटी उम्र में मेकअप करना बच्चियों के लिए शारीरिक और मानसिक, दोनों स्तरों पर हानिकारक साबित हो सकता है। बच्चों की त्वचा बेहद नाजुक होती है और उस पर रासायनिक तत्वों वाले सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग त्वचा के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ देता है।

शहनाज़ हुसैन के अनुसार, सौंदर्य प्रसाधनों में पाए जाने वाले रेटिनॉइड्स और ग्लाइकोलिक एसिड जैसे तत्व बच्चियों की कोमल त्वचा के सुरक्षात्मक परत (स्किन बैरियर) को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे त्वचा में रूखापन, जलन, एलर्जी, कील-मुंहासे और एक्जिमा जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।

उन्होंने बताया कि छोटी उम्र की बच्चियों की त्वचा वयस्क महिलाओं की तुलना में पतली और संवेदनशील होती है। ऐसे में केमिकल्स त्वचा की गहराई तक पहुंचकर दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकते हैं। लिपस्टिक लगाने से होंठ फटने, पपड़ी निकलने और कालेपन की समस्या भी आम हो जाती है।

शहनाज़ हुसैन ने चेतावनी दी कि कई लिपस्टिक और सौंदर्य उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले *पैराबेन्स, *फथैलेट्स और फिनोल जैसे तत्व हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं। इनके लगातार इस्तेमाल से समय से पहले प्यूबर्टी की शुरुआत हो सकती है, और लंबे समय तक उपयोग करने से स्तन एवं ओवेरियन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा कि पर्सनल केयर उत्पादों में मौजूद सुगंधित रसायन और प्रिजर्वेटिव्स एलर्जी और त्वचा संक्रमण का प्रमुख कारण बनते हैं। ऐसे में अगर बच्ची की त्वचा पर किसी भी प्रकार का संक्रमण या एक्जिमा के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत इन उत्पादों का उपयोग बंद कर देना चाहिए।

सौंदर्य विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर मेकअप करती हुई बच्चियों को देखकर अन्य बच्चियां भी इनसे प्रभावित होती हैं और सौंदर्य को ही आत्ममूल्य का पैमाना मानने लगती हैं। इस कारण वे मानसिक तनाव, आत्महीनता, डिप्रेशन और बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर जैसी समस्याओं से जूझने लगती हैं।

शहनाज़ हुसैन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपनी बच्चियों को कम उम्र में मेकअप करने से रोकें और उन्हें इन उत्पादों के दुष्प्रभावों के बारे में समझाएं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को स्किन केयर वीडियो या ब्यूटी ट्रेंड्स से दूरी बनाए रखने के लिए प्रेरित करें और उन्हें प्राकृतिक सौंदर्य और आत्मविश्वास के महत्व को समझाएं।

लेखिका — शहनाज़ हुसैन, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सौंदर्य विशेषज्ञ और “हर्बल क्वीन” के रूप में प्रसिद्ध।

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