छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग का चावल जमा कराने में रचा कीर्तिमान
रायपुर, 10 सितम्बर । केन्द्रीय पूल में कस्टम मिलिंग का चावल जमा कराने के मामले में छत्तीसगढ़ रिकार्ड सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ में 65.21 लाख मीट्रिक टन चावल केन्द्रीय पूल में जमा कराने के लक्ष्य के विरूद्ध 9 सितम्बर की स्थिति में 59.39 लाख मीट्रिक टन चावल सीएमआर के रूप में केन्द्रीय पूल में जमा करा दिया है।
ऐसा पहली बार हुआ है कि धान खरीदी के साथ-साथ युद्ध स्तर पर कस्टम मिलिंग कराकर छत्तीसगढ़ ने अपने कोटे का रिकार्ड चावल एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम को दे दिया है। यह छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों एवं दूरदर्शी निर्णयों के चलते संभव हो सका है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में राज्य में धान की खरीदी, कस्टम मिलिंग और केन्द्रीय पूल में चावल जमा कराने की चाक-चौबंद व्यवस्था से उपार्जित धान के नुकसान और सूखत से होने वाले नुकसान रूका है। केन्द्रीय पूल में सीएमआर का चावल बड़ी मात्रा में जमा होने से मार्कफेड को इस साल बीते वर्ष की तुलना में 8 हजार करोड़ का अधिक भुगतान प्राप्त हुआ है, जिसकी बदौलत बैंक ऋण की वापसी के चलते 100 करोड़ के ब्याज की भी बचत हुई है। मुख्यमंत्री ने राज्य में कस्टम मिलिंग और सीएमआर के रूप में केन्द्रीय पूल में रिकार्ड चावल जमा कराने की सफलता के लिए विभागीय अधिकारी को बधाई दी है।
खाद्य विभाग के सचिव टी.के. वर्मा ने बताया कि, खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में 97.99 लाख मेट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर रिकार्ड खरीदी की गई। उपार्जित धान का समय पर उठाव व मिलिंग एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि इतनी वृहद मात्रा में उपार्जित धान का सुनियोजित रूप से उठाव व निराकरण न होने के फलस्वरूप इसके अमानक होने के साथ-साथ सूखत से भी बड़ी हानि होने की संभावना थी, किन्तु धान के उठाव व निराकरण के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन रणनीति तैयार कर इसका प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया।