भैरव अष्टमी पर काल भैरव की सवारी: महाकाल के सेनापति ने किया नगर भ्रमण, 400 किलो फूल से सजा काल भैरव मंदिर

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उज्जैन42 मिनट पहले

उज्जैन। भैरव अष्टमी पर महाकाल के सेनापति बाबा कालभैरव का मंदिर को चार क्विंटल फूलों से सजाया गया। वहीं शाम से धार्मिक अनुष्ठान हवन, पूजन के बाद रात 12 बजे आरती हुई। बाबा काल भैरव राजसी वस्त्र, सिंधिया स्टेट की पगड़ी धारण कर आभूषण से शृंगारित होकर गुरूवार शाम को मंदिर प्रांगण से पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन लाभ लिया।

काल भैरव मंदिर में भैरव अष्टमी पर बुधवार शाम 6 बजे जनकल्याण की कामना से हवन किया गया। रात 9 बजे आरती के बाद भगवान का भैरव सहस्त्र नामावली से अभिषेक, स्वर्ण बरक, सोने-चांदी के आभूषणों से शृंगार, 56 भोग व 4 क्विंटल बूंदी प्रसाद अर्पण कर रात 12 बजे महा आरती हुई। कालभैरव मंदिर के पुजारी धर्मेन्द्र चतुर्वेदी ने बताया कि अष्टमी पर सुबह पूजन-अर्चन के साथ अष्टमी उत्सव शुरू हुआ था। दो दिवसीय आयोजन के दौरान भगवान कालभैरव को सिंधिया रियासत कालीन आभूषण, चवर, पगड़ी, जरीदार वस्त्र, मालाएं धारण कराई गई। रात्रि में 56 भोग लगाकर महाआरती के बाद प्रसादी वितरण किया गया। काल भैरव मंदिर को करीब 400 किलो फूलों से सजाया गया है। मंदिर पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है।

440 किलो फूलो से सजाया गया मंदिर

440 किलो फूलो से सजाया गया मंदिर

शाम 4 बजे से निकली सवारी

गुरूवार को शाम 4 बजे उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह और भूत भावन महाकालेश्वर के सेनापति बाबा काल भैरव की सवारी धूमधाम के साथ लाव-लश्कर के साथ निकली। सवारी में ढोल, बैंड, बग्घी, घोड़े, ध्वज, अखाड़े व झांकी के साथ चांदी की पालकी में भैरव नाथ भक्तों को दर्शन देते हुए निकले। काल भैरव मंदिर से सवारी केंद्रीय जेल, नया बाजार, भैरवगढ़ नाका, माणक चौक, महेंद्र मार्ग होकर सिद्धवट घाट पहुंची । केंद्रीय जेल गेट पर जेल प्रशासन द्वारा भगवान का पूजन कर आरती की गयी । इसके पश्चात सवारी शिप्रा तट सिद्धनाथ मंदिर पहुंची। यहां पर अभिषेक आरती पूजन के बाद सवारी पुन: ब्रजपुरा होकर काल भैरव मंदिर के लिए रवाना हुई। समापन में आरती कर प्रसादी वितरण किया गया ।

श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी

भैरव अष्टमी पर कालभैरव मंदिर में आयोजित दो दिवसीय आयोजन के दौरान बड़़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर दर्शन लाभ लिया। इधर गुरूवार को भी शाम को बाबा कालभैरव की सवारी के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे। सवारी मार्ग में पुष्प वर्षा कर बाबा महाकाल के सेनापति का स्वागत श्रद्धालुओं ने किया। गौरतलब है कि भगवान काल भैरव डोलग्यारस और भैरव अष्टमी पर प्रजा का हाल-चाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर पालकी में सवार होकर निकलते है। भगवान काल भैरव का दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु प्रतिदिन आते है। भगवान काल भैरव को मदिरापान भी कराया जाता है।

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