अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ राज्यपाल ने किया: युवा पीढ़ी कोहली को जानती है उन्हें विद्वानों को भी जानना जरुरी : राज्यपाल

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12 मिनट पहले
उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ शुक्रवार को देवप्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर कालिदास अकादमी परिसर में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल मंगुभाई पटेल थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों द्वारा महाकवि कालिदास और पं.सूर्यनारायण व्यास के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारम्भ अवसर पर सारस्वत अतिथि श्री तुलसी पीठाधीश्वर पद्मविभूषण जगदगुरू स्वामी रामभद्राचार्य चित्रकूट थे। अध्यक्षता संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने की। विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव व सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल थे। कालिदास समारोह के शुभारंभ अवसर पर पहली बार राष्ट्रीय कालिदास पुरस्कार प्रदान किए गए। कालिदास समारोह मंच से संस्कृति विभाग द्वारा पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जी कोलकाता को शास्त्रीय गायन, पद्मश्री डॉ.पुरू दाधिच इन्दौर को शास्त्रीय नृत्य, वासुदेव कामथ मुम्बई को रूपांकन और राजीव वर्मा भोपाल को रंगकर्म के लिए शासन के प्रतिष्ठा अलंकरण राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से विभूषित किया गया। इस अवसर पर महाकवि कालिदास की कृति विक्रमोर्वशीयम से अनुप्राणित राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्ति कलाकृतियों की प्रदर्शनी का शुभारंभ भी अतिथियों द्वारा किया गया।
समारोह के सांस्कृतिक कार्यक्रम
शनिवार 5 नवम्बर- आयुर्धा शर्मा द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथक, पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जी द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति दी जाएगी। रविवार 6 नवम्बर- भुवनेश्वर के गजेंद्र पंडा के निर्देशन में ओडीसी की प्रस्तुति दी जाएगी। कोलकाता के पियाल भट्टाचार्य के निर्देशन में हिन्दी नाटक विक्रम संवतसर की प्रस्तुति होगी। सोमवार 7 नवम्बर- उज्जैन के डॉ.हरिहरेश्वर पोद्दार के द्वारा शास्त्रीय नृत्य कथक, विशाल कलंबकर के निर्देशन में मालवी नाटक मालवा कीर्ति गाथा की प्रस्तुति होगी। मंगलवार 8 नवम्बर- उज्जैन की डॉ.खुशबू पांचाल द्वारा कथक की प्रस्तुति इसके पश्चात त्रिवेंद्रम की मैथिल देविका द्वारा नृत्य मोहिनीअट्टम की एकल प्रस्तुति दी जाएगी। बुधवार 9 नवम्बर- उज्जैन की आयुषी त्रिवेदी द्वारा कथक की प्रस्तुति इसके पश्चात कोलकाता की कौशिकी चतुर्वेदी द्वारा शास्त्रीय गायन किया जाएगा। गुरूवार 10 नवम्बर- उज्जैन की डॉ.वर्षा अग्रवाल का संतुर वादन इसके पश्चात नईदिल्ली की संध्या पुरेचा के निर्देशन में नृत्य नाटिका भरतनाट्यम शैली में ऋ तु संहार की प्रस्तुति होगी।
समारोह में सारस्वत आयोजन भी होंगे
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अन्तर्गत सारस्वत आयोजन में 5 नवम्बर को भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास विषय पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का प्रथम सत्र प्रात: 10 बजे से आयोजित होगा। दोपहर 2.30 बजे कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के प्रथम सत्र का आयोजन और शाम 5 बजे भारतीयता के पर्याय कालिदास पर आधारित पं. सूर्य नारायण व्यास व्याख्यानमाला का आयोजन होगा। 6 नवम्बर को भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का द्वितीय सत्र प्रात: 10 बजे से प्रारम्भ होगा। शाम 5 बजे रघुवंश की पाठालोचना पर आधारित व्याख्यानमाला का आयोजन किया जाएगा। 7 नवम्बर को प्रात: 10 बजे संस्कृत कवि समवाय: कार्यक्रम का आयोजन इसके पश्चात दोपहर 2.30 बजे से राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का तृतीय सत्र प्रारम्भ होगा। इसके बाद कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा विक्रम कालिदास पुरस्कार चयनित शोध पत्र का वाचन किया जाएगा। शाम 5 बजे महाकवि कालिदास व्याख्यानमाला के अन्तर्गत चित्रकला मर्मज्ञ कालिदास के नाटकों में व्यक्ति चित्र पर व्याख्यानमाला आयोजित होगी। 8 नवम्बर को प्रात: 10 बजे से राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का चतुर्थ सत्र इसके पश्चात दोपहर 2 बजे से अन्तरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद प्रतियोगिता शाम 5 बजे से कालिदास की भौगोलिक यात्रा पर व्याख्यानमाला होगी। 9 नवम्बर को प्रात: 10 बजे मालविकाग्निमित्रम से अपनी रूचि अनुसार चयनित श्लोक पर अन्तरमहाविद्यालयीन काव्यपाठ प्रतियोगिता व दोपहर 2 बजे महाकवि कालिदास की रचनाओं में राजवैभव का वर्णन पर आधारित अन्तरमहाविद्यालयीन हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी। शाम 5 बजे कालिदास व्याख्यानमाला के अन्तर्गत वैदिक संस्कृति एवं कालिदास पर व्याख्यानमाला आयोजित की जाएगी। 10 नवम्बर को प्रात: 10 बजे कांकरोली के छीतरमल जोशी के निर्देशन में राजस्थानी शैली में भोपा-भोपी चित्रांकन एवं गायन की प्रस्तुति होगी।
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