रायपुर में पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सिर्फ दो दिनों में कुल 16 जगहों पर चाकू चलने की पुष्टि हुई

रायपुर। राजधानी रायपुर में अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि उर्स के दिन से लेकर लगातार दो दिनों तक शहर में 16 जगहों पर चाकूबाज़ी की वारदातें सामने आई हैं। चादर कार्यक्रम के दौरान और उसके बाद अलग-अलग इलाकों में हुई इन घटनाओं ने पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक, उर्स के दिन से ही शहर के कई इलाकों में विवाद और झगड़ों के बाद चाकूबाजी की घटनाएं लगातार होती रहीं।
सबसे ज्यादा मामले थाना कोतवाली, गोलबाजार, पुरानी बस्ती,आजाद चौक और मौदहापारा क्षेत्रों से सामने आए हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सिर्फ दो दिनों में कुल 16 जगहों पर चाकू चलने की पुष्टि हुई है, जो थीजबकि कई घायल युवक रिपोर्ट दर्ज कराने से भी डर रहे हैं।सबसे गंभीर घटना कोतवाली थाना के ठीक सामने हुई, जहां दो पक्षों के बीच विवाद के दौरान चाकू चल गया। इस हमले में एक युवक को गंभीर चोटें आईं और उसे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
इसके अलावा मालवीय रोड और आजाद चौक क्षेत्र में भी झगड़े के दौरान चाकूबाजी की घटनाएं हुईं, जिनमें चार लोग घायल हुए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उर्स और चादर कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा होने का फायदा उठाकर कुछ शरारती तत्वों ने झगड़ा भड़काया और फिर हथियारों से हमला कर दिया। कई जगहों पर पहले से पुरानी रंजिश के कारण भी झगड़े हुए।
घटनाओं में घायल हुए कई लोग थानों तक पहुंचे जरूर, लेकिन आरोपियों के डर और इलाके के दबंगों के दबाव के चलते रिपोर्ट दर्ज कराने से मना कर दिया। कुछ मामलों में पुलिस ने मौखिक बयान लेकर ही कार्रवाई का भरोसा दिया है, जबकि गंभीर मामलों में अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई है। पुलिस की भूमिका पर सवाल लगातार दो दिनों तक शहर के अलग-अलग हिस्सों में हथियारों से हमले होने के बावजूद पुलिस की गश्त और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हर साल उर्स और चादर के दौरान इसी तरह की घटनाएं होती हैं, लेकिन पुलिस केवल औपचारिक कार्रवाई तक सीमित रहती है।रायपुर पुलिस का कहना है कि सभी थानों से रिपोर्ट एकत्र की जा रही है और संदिग्धों की तलाश जारी है। कई इलाकों में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। कुछ पुराने हिस्ट्रीशीटरों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
शहर में बढ़ती चाकूबाजी की घटनाओं ने आम नागरिकों में डर का माहौल बना दिया है। दो दिनों में 16 जगहों पर हुए हमलों ने यह साबित कर दिया है कि रायपुर में बदमाशों में अब पुलिस का कोई खौफ नहीं रह गया है।




