Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ में ईडी केवल परेशान करने का काम कर रही है : भूपेश बघेल

छापों को लेकर कोर्ट से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया

नई दिल्ली/रायपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में पढ़ रहे ईडी के छापों को लेकर कोर्ट से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छापों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि प्रजातंत्र खतरे में है, ऐसे में कोर्ट की बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है उसे हस्तक्षेप करना चाहिए और इस पर रोक लगनी चाहिए।



दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में गुरुवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी कथित शराब घोटाला कथित कोयला घोटाला और अब सट्टा महादेव ऐप को लेकर लगातार छापे मार रही है। उन्होंने बताया कि ईडी का आरोप है कि नकली होलोग्राम के जरिए शराब में गड़बड़ी की गई है। बघेल ने कहा कि हमने राज्य की शराब नीति में कोई बदलाव नहीं किया है। भाजपा की जो नीति थी उसी पर हम कम कर रहे हैं। इसके बावजूद राजस्व 3900 करोड़ से बढ़कर 5600 करोड़ पहुंच गया है। यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो अब तक किसी भी शराब निर्माता से पूछताछ क्यों नहीं की गई है। इसी तरह कोयला मामले में भी ईडी उन लोगों से पूछताछ नहीं कर रही है जो इसमें लाभार्थी हैं यानी जिनको इससे लाभ होने की संभावना है। छत्तीसगढ़ के 85 प्रतिशत खदान सीईसीएल द्वारा संचालित किए जाते हैं। लेकिन ईडी ने अब तक सीईसीएल के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी से पूछताछ नहीं की है।

बघेल ने कहा कि ईडी इन दोनों मामलों में अभी तक जीतेगा घोटाला और भ्रष्टाचार बता रही है उसकी आधा भी संपत्ति जब्त नहीं कर पाई है दूसरी तरफ अब धान की मिलिग में घोटाला खोजने लगी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कल उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और दो ओएसडी के यहां पड़े छापों का उल्लेख करते हुए की ईडी केवल परेशान करने का काम कर रही है। बघेल ने बताया कि इससे पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन था तब भी ईडी ने इसी तरह कांग्रेस पार्टी के नेताओं के यहां छापा मारा था।

अभी डीएमएफ में भी भारत सरकार के द्वारा माईनिंग डायरेक्टर को चिट्ठी लिखते हैं कि कितना काम हुआ, वो हमको बताए। ऐसे ही रजिस्टार को भी सवाल किया जाता है कि जमीन के कितने रजिस्ट्री जब से हमारी सरकार बनी है तब से कितने हुई है।

सीएम ने कहा कि ईडी करती क्या है?..ये घरों में जाते हैं, सबसे पहले मोबाइल जब्त, संपत्ति, रुपिया नगदी और ज्वेलरी, डायरी, बैंक खाते को सीज करते हैं। पांच-छह दिन तक बंधक बनाकर रखते है। चाहे घर मे वृद्ध माता पिता हो या बीमार उससे जांच टीम को कोई लेना देना नहीं होता है। बैठे रहेंगे, सवाल इनके पास होता नहीं है, जब तक के आदेश ऊपर से नहीं आये, तब तक के घर को खाली नहीं करते। इसके बाद ये राजनीतिक सवाल करते हैं, आप किस पार्टी से हो, तुम्हरी क्या भूमिका है, ऐसे ऐसे सवाल पूछते है। ये लोग प्रताड़ित कर बदनाम करने की कोशिश करते है।

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