वन विभाग की एनओसी में अटका मामला: मुख्यमंत्री की घोषणा और बजट में शामिल होने के बावजूद 3 साल से अटका जटाशंकर धाम का रोपवे

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Chhatarpur
  • Ropeway Of Jatashankar Dham Stuck For 3 Years Despite The Announcement Of The Chief Minister And Being Included In The Budget

छतरपुर33 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

जिले के बिजावर क्षेत्र में श्री जटाशंकर धाम में आने वाले बुजुर्गों, दिव्यांगों एवं बीमार लोगों को सुगमता से मंदिर तक पहुंचाने के लिए रोप-वे प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है। लेकिन वन विभाग के अड़ंगा और प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा रुचि न दिखाए जाने पर यह प्रोजेक्ट 3 साल से अधर में अटका हुआ है। बिजावर क्षेत्र के विधायक राजेश शुक्ला के प्रयास से 3 नवंबर 2019 को तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने बिजावर मेला ग्राउंड में आयोजित मोनिया महोत्सव में श्री जटाशंकर धाम में रोपवे लगवाए जाने की घोषणा की थी।

इसके बाद मार्च 2020 में उनकी सरकार गिर गई। जिससे रोपवे लगाए जाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद क्षेत्रीय विधायक द्वारा किए गए प्रयासों के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर वर्ष 2021 में बजट भाषण के दौरान तत्कालीन वित्त मंत्री ने सदन के अंदर श्री जटाशंकर धाम में रोपवे लगवाए जाने की घोषणा की। इसके बाद मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विभाग द्वारा यहां रोप-वे लगवाए जाने के लिए सर्वे आदि की प्रक्रिया करवाई गई।

टेंडर तो लगा लेकिन काम शुरू नहीं
पर्यटन विभाग द्वारा निकाले गए टेंडर के आधार पर कोलकाता की रोपवे इन रिसोर्ट कंपनी को श्री जटाशंकर धाम में रोपवे में लगाए जाने का ठेका मिला। प्रोजेक्ट प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप प्रक्रिया के तहत होने से इसकी सभी लागत रोप वे इन रिसोर्ट कंपनी को लगाना है। मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम द्वारा यहां काम कराया जाएगा। करीब 12.50 करोड़ की लागत बनने वाले इस प्रोजेक्ट को निजी कंपनी को 30 साल के लिए दिया जाएगा। निर्माण से लेकर 30 साल तक इस रोप-वे प्रोजेक्ट का संचालन कंपनी ही करेगी।

एक बार में 88 लोग पहुंचेंगे मंदिर
इस प्रोजेक्ट के तहत नीचे और ऊपर 2 मुख्य पिलर बनाए जाएंगे। एक अपर टर्मिनल प्वाइंट और एक लोवर टर्मिनल प्वाइंट बनाया जाएगा। बीच में 2 सिपोर्ट पिलर बनाए जाएंगे। इसमें 22 ट्राॅली (केबिन) लगेंगे, प्रत्येक ट्रॉली में 4 आदमी बैठाने की क्षमता होगी। रोप-वे की ऊंचाई 56 मीटर और नीचे से ऊपर तक लंबाई 470 मीटर रहेगी।

वन विभाग से सवाल-जवाब का सिलसिला जारी

मप्र पर्यटन विभाग के इंजीनियर विवेक चौबे ने बताया कि रोप-वे लगाने के लिए हमें 0.98 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। इस जमीन की कीमत करीब 23 लाख पर्यटन विभाग जमा करेगा। यह जमीन लीज पर उपलब्ध कराने वन विभाग में फाइल है। जिला, प्रदेश से लेकर केंद्रीय वन विभाग मुख्यालय से आए निर्देशों के आधार पर हमने सारी औपचारिकताएं पूरी कर वहां भेजा। अभी 11 सितंबर 2022 को ही हमने चाही गई जानकारी वन कार्यालय दिल्ली भेजी। लेकिन अभी कोई प्रतिउत्तर नहीं मिला है। मैं इस सिलसिले में 2 दिन बाद भोपाल जाऊंगा। वहां इस सिलसिले में चर्चा की जाएगी।

दिसंबर अंत तक शुरू होने की उम्मीद
इंजीनियर विवेक चौबे ने बताया कि वन विभाग से जल्द अनुमति मिलने की उम्मीद है। अनुमति मिल जाने पर प्रदूषण बोर्ड से फीस जमाकर स्वीकृति ली जाएगी। हमें उम्मीद है कि इस वर्ष दिसंबर माह तक सारी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी और रोप-वे का काम शुरू हो जाएगा।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button