अतिक्रमण हटाओ मुहिम में भेदभाव का आरोप: पार्षद ने कलेक्टर के नाम दिया ज्ञापन, रसूखदारों को पट्टे और छोटे दुकानदार हटाए जा रहे

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बैतूल9 घंटे पहले
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नगर परिषद चिचोली स्थित जय स्तम्भ चौक से लेकर वीर दुर्गादास चौक तक अतिक्रमण की मुहीम चलाई जा रही है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी चिचोली द्वारा अतिक्रमणकारियों को नोटिस देकर 7 दिन में दुकान हटाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सीएमओ द्वारा आनन-फानन में दिए गए नोटिस के बाद वार्ड क्र. 15 नगर परिषद चिचोली की पार्षद नेहा रूपेश आर्य ने कलेक्टर के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर व्यापारियों के हित में उचित निर्णय लेने का आग्रह किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिक्रमण के नाम पर हमेशा ही गरीबों पर कार्रवाई की जाती है वहीं रसूखदारों को बड़ी-बड़ी दुकानें बनाने के लिए मनचाही जगह पर पट्टे दे दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि व्यापारी 40-50 सालों से अपनी आजीविका और परिवार के भरण पोषण के लिए जय स्तंभ से दुर्गा दास चौक तक दुकानें चला रहे है। इन व्यापारियों को नियमित तौर पर पट्टा देकर दुकान देने का प्रयास नहीं किया गया। राजनीतिक रसूख रखने वाले लोगों को मन मर्जी से मन चाही जगह पर बड़ी बड़ी बिल्डिंग बनाने के लिए पट्टे दे दिए गए जो कि न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा छोटे व्यापारी अपने परिवार की आजीविका इन दुकानों से चलाते है इनके साथ अन्याय किया जा रहा है।
सीएमओ पर गुमराह करने के आरोप
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि जब यह भी स्पष्ट नहीं है कि यह जमीन नगर परिषद की है या नहीं तो मुख्य नगर पालिका अधिकारी को नोटिस देने के अधिकार भी नहीं है। लोगों को गुमराह कर यह कैसी व्यवस्था बनाई जा रही है जिससे लोग बेरोजगार हो रहे हैं। सीएमओ द्वारा परिषद की बैठक बुलाकर सभी को गुमठीया देने की बात की जा रही है। लेकिन कब और कितने दिनों तक लोग इसका इंतजार करेंगे। इस बीच व्यापारियों के हित में कोई तो रास्ता निकालना ही होगा। जिससे वे बेरोजगार न हो सकें।
30 फीट अतिक्रमण रोका जाए
पार्षद ने प्रशासन से आग्रह किया कि इन छोटे व्यापारियों के साथ संवेदनशीलता के लिये 30 फीट रोका जाये चूंकि 30 फीट में सड़क का चौड़ीकरण भी हो जायेगा और दोनों ओर नालियों का निर्माण भी किया जा सकता है। इनके साथ बैठकर कोई बीच का रास्ता निकाला जाये। आगामी समय में इन्हें जो दुकानें आवंटित कराने की बात हो रही है, उसमें भी इन्हें विश्वास में लेकर यह कार्य किया जाये, जिससे जो भय और डर का वातावरण इन व्यापारियों के मन में बना हुआ है उसका न्याय संगत निराकरण हो सके।
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