महाकाल लोक का लोकार्पण: विदिशा में उज्जैन के कलाकारों ने दी शिव तांडव की प्रस्तुति

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विदिशा32 मिनट पहले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक का लोकापर्ण किया । इस अवसर पर विदिशा में भी एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहां शिव मंदिरो में आकर्षक विधुत साजसज्जा की गई तो वहीं मांधवगंज चौराहे पर महाकाल लोक के लोकापर्ण कार्यक्रम लाइव दिखाया गया । इसके साथ उज्जैन के कलाकारों द्वारा शिव तांडव के साथ भगवान भोले के भजनो पर मनमोहक प्रस्तुती दी गई ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक का लोकापर्ण के अवसर पर विदिशा में माधवंगज चौराहे पर स्थित शिवालय को सजाया गया। मंदिर परिसर में आकर्षक विधुत साज सज्जा की गई रंगोली बनाई गई तो वहीं मंदिर के दीप जलाए गए। इसके साथ ही महाकाल लोक के लोकापर्ण कार्यक्रम देखने के लिए दो बडी एलईडी लगाई गई थी जिस पर उज्जैन के कार्यक्रम के लाइव प्रसारण दिखया गया है कार्यक्रम को भव्यता देने के लिए भाजपा ने उज्जैन के कलाकारों को बुलवाया था एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक का लोकापर्ण समारोह चल रहा था तो वहीं स्टेज पर उज्जैन के कलाकारों द्वारा भगवान के शिव के भजनो पर नृत्य की प्रस्तुती दी जा रही थी।

कलाकारो द्वारा भगवान के शिव के तांडव की भी प्रस्तुती दी गई । वहा मौजूद लोगो भगवान शिव तांडव और अन्य प्रस्तुती को देखकर ताली बजाने से अपने आप को नहीं रोक पाये । शिव भक्तों ने बताया कि इससे पहले ऐसी प्रस्तुती कभी नहीं देखी वह कार्यक्रम की तारीफ करे बिना नही रहे। वही भाजपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मुकेश टंडन ने बताया कि आज के कार्यक्रम को भव्य रूप में मनाने के लिए शिव भक्तो को पीले चवाल दिए गए। कार्यक्रम की तैयारी सुबह से चल रही थी। महिला कार्यकर्ता द्वारा दीप प्रज्वलित किए तो वहीं युवा मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा बड़ी संख्या में पौधारोपण किया गया। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कलश यात्रा निकाली गई।

ताकि ग्रामीण क्षेत्रो के लोग इस में कार्यक्रम शामिल हो कर महाकाल लोक का लोकापर्ण समारोह देखने के साथ भगवान शिव का ताडंव नृत्य की प्रस्तृति देख सके। इतना ही नहीं कार्यक्रम स्थल पर उज्जैन कॉरिडोर की प्रदर्शनी भी लगाई। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधि मौजूद थे वहीं हजारों की संख्या में शिव भक्तों ने शिव तांडव देखा। विदिशा की हर तहसील स्तर पर प्राचीन मंदिरों में दीपोत्सव के कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

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