चीता प्रोजेक्ट में मंडला ने भी दिया योगदान: बाड़े की फेंस निर्माण टेक्निकल टीम का हिस्सा रहे जिले के राजीव गोप

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मंडलाएक घंटा पहले

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देश में 70 साल बाद चीतों की वापसी हुई है। शनिवार को चीता प्रोजेक्ट के तहत आफ्रीका के नामिबिया से प्रदेश के कूनो पालपुर नेशनल पार्क में लाए गए आठ चीतों में से दो चीतों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बॉक्स खोलकर उनके लिए बनाए विशेष बाड़े में छोड़ा। इस ऐतिहासिक क्षण के लिए देश सालों से इंतजार कर रहा था। इस सपने को साकार करने देश की वाईल्ड लाईफ से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं ने सालों दिन-रात मेहनत की है।

इसी में उज्जैन की एक संस्था वाईल्ड लाईफ फॉरेस्ट्री सर्विसेस भी है, जिसे इस प्रोजेक्ट के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से में से एक कूनो पार्क में चीता बाड़े की फेंस बनाने की जिम्मेदारी मिली। जिले के लिए गौरव का विषय है कि इस संस्था में सहयोगी के तौर पर मण्डला निवासी राजीव गोप भी देश के लिए महत्वपूर्ण चीता प्रोजेक्ट का हिस्सा रहे। राजीव गोप मण्डला में सांपों के संरक्षण के लिए लगभग बीस वर्षों से कार्यरत हैं। साथ ही उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई है।

घर छोड़कर लगभग 6 महीने कूनों के जंगल में बिताए

राजीव गोप ने इस चीता प्रोजेक्ट में अपनी भूमिका पर चर्चा करते हुए बताया कि कूनों नेशनल पार्क में चीतों के लिए बनाये गये विशेष बाड़े को बनाने की जिम्मेदारी वाईल्ड लाईफ फॉरेस्ट्री सर्विसेस को मिली जिसमें वे उज्जैन निवासी कार्तिकेय सिंह एवं वैभव चतुर्वेदी के साथ मिलकर इस बाड़े को लगभग चार महिने में बनाकर तैयार कर दिया। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मापदण्डों के अनुरूप बना 12 किमी का इस बाड़े का काम पिछले वर्ष अगस्त में प्रारंभ हुआ जो लगभग 4 माह में बनकर तैयार हुआ। इसे बनाने के पहले फील्ड सर्वे, प्लानिंग आदि में भी लगभग 2-3 माह लगे। इस तरह उन्हें इस पूरे काम के लिए लगभग 4-6 माह तक घर छोड़कर कूनों के जंगल में ही रहे।

उन्होंने बताया कि चीता बाड़े में लगभग साढ़े 11 फिट ऊंची फेंस बनाई गई है जिसके ऊपर के हिस्से में सोलर करंट फेंस है। यह जानवरों को बाड़े के अंदर-बाहर आने जाने से रोकती है। इसका करंट जानवरों को कोई हानि नहीं पहुंचाता सिर्फ डराने के लिए झटका देता है। उन्होंने बताया कि वे टेक्रीकल टीम का हिस्सा थे जो चीता बाड़े के लिए फेंस का निर्माण एवं प्रबंधन देख रही थी।

राजीव गोप ने कहा कि ये पूरा टीम वर्क है जिसमें वाईल्ड लाईफ फॉरेस्ट्री सर्विसेस की महत्वपूर्ण भूमिका है इसके सहयोगी के रूप में देश के इस महत्वपूर्ण चीता प्रोजेक्ट में कार्य करना मेरे लिए गौरव का विषय है।

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