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वाईएसआरसीपी सरकार में बदली गई थी घी सप्लाई की शर्त, तिरुपति लड्‌डू विवाद पर बोले चंद्रबाबू नायडू

नईदिल्ली : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने रविवार (22 सितंबर) को पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार पर निशाना साधा. इस दौरान टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा घी खरीदने की कई प्रक्रियाओं में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान बदलाव किया गया था.

इस दौरान सीएम एन चंद्रबाबू नायडू ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकार के दौरान टीटीडी बोर्ड में नियुक्तियां जुएं की तरह हो गई थीं. उन्होंने कहा,’ ऐसे लोगों को नियुक्त करने के उदाहरण सामने आए, जिनकी कोई आस्था नहीं थी और बोर्ड में गैर हिंदुओं को वरीयता दी गई.

लड्डू प्रसादम में खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं हुईं आहत

मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि लड्डू के संबंध में खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. नायडू ने कहा कि पहले की शर्तों के अनुसार घी आपूर्तिकर्ता के पास कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए. हालांकि, जगन मोहन रेड्डी के सत्ता में आने के बाद इसे घटाकर एक साल कर दिया गया. सीएम ने यह भी कहा कि आपूर्तिकर्ता का जरूरी टर्नओवर भी पहले के 250 करोड़ रुपये से घटाकर 150 करोड़ रुपये कर दिया गया…

कोई 319 रुपये में शुद्ध घी कैसे दे सकता है?

इस दौरान सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पूछा कि कोई 319 रुपये में शुद्ध घी कैसे दे सकता है? जब पाम तेल भी इससे महंगा है. उन्होंने कहा कि एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 जून, 2024 से घी की आपूर्ति शुरू कर दी है. दरअसल, पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र का जिक्र करते हुए नायडू ने कहा कि वाईएसआरसीपी प्रमुख पत्र भेजकर पलटवार करने की कोशिश कर रहे हैं.

जानिए क्या है पूरा मामला?

वेंकटेश्वर स्वामी के प्रसादम के लिए एक विशेष स्थान है, क्योंकि इसमें शुद्ध सामग्री होती है और पिछले 300 सालों से इसे बनाने की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाता है. जहां कुछ दिनों पहले एनडीए विधायक दल की बैठक के दौरान, टीडीपी सुप्रीमो ने दावा किया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु वसा का इस्तेमाल किया गया है. जबकि, गुजरात की एक सरकारी लैब की रिपोर्ट से पता चला है कि चयनित नमूनों में पशु वसा और चर्बी की मौजूदगी है. साथ ही बोर्ड मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में डालने की प्रक्रिया में है.

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