महिला केंद्रीय जेल में मनाया रूप चौदस पर्व: बंदियों ने प्रेम से रहने का संकल्प लिया, 182 कैदियों को सजने का सामान दिया गया

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भोपाल26 मिनट पहले

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भोपाल की केंद्रीय जेल में पहली बार अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक गुरु मानव सेवी कृष्णा मिश्रा गुरुजी के सानिध्य में रूपचौदस रूपी मुक्ति दिवस मनाया गया। कार्यक्रम में महिला कैदियों को अपने अंदर का नरकासुर मारने की शपथ दिलाई गई। जिस तरह राज कुमारिया नरकासुर से मुक्त होकर कृष्ण भगवान से मिलने जाती हैं। उसी तरह शपथ दिलाने के बाद महिला कैदियों को सजने के लिए सामान दिया गया। कार्यक्रम के दौरान महिला बंदियों में उत्साह देखने को मिला।

इंदौर से आए कृष्णा मिश्रा गुरुजी ने बताया कि सभी त्योहारों को उनकी रीति रिवाज के साथ मानव सेवा से जोड़ा है। रूपचौदस हम महिला कैदियों के साथ मनाते हैं। उन्होंने संदेश देते हैं कि नरकासुर आज भी जीवित है, जिसके कारण आप कारावास में हैं। नरकासुर कलयुग में काम, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या , अहंकार के रूप में जीवित है। कार्यक्रम में सभी 182 महिला कैदियों को कलयुगी नरकासुर का वध करने के लिए संकल्प शक्ति से शपथ दिलवाई।

कार्यक्रम में महिला कैदियों ने कलयुगी नरकासुर का वध करने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में महिला कैदियों ने कलयुगी नरकासुर का वध करने का संकल्प लिया।

महिलाओं को सजने का सामान दिया गया

जिस तरह नरकासुर से मुक्त होने के बाद सभी कैद में रही राज कुमारियां अपने आप को सजा कर कृष्ण से मिलने जाती हैं। उसी प्रकार नरकासुर से संकल्प शक्ति मुक्त होने के बाद सभी महिला कैदियों को सजने के लिए सामान दिया गया। कार्यक्रम में महिला बंदियों ने उत्साह देखने को मिला एवं बाकी बचा हुआ जीवन विकार मुक्त प्रेम से रहने का गुरुजी से वादा किया। इसके पहले तीन साल से लगातार रूप चौदस को महिला बंदियों को केंद्रीय जेल उज्जैन,इंदौर में मनाया गया था लेकिन इस साल भोपाल में रखा गया।

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