चंचल मूड में बाघिन और शावक: मां के साथ शावक की अठखेलियां, देखे…..VIDEO

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नर्मदापुरम14 घंटे पहले

बाघिन और शावक ke बीच अठखेलियाँ।

नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व जोन में गेट खुलने के साथ ही बाघ-बाघिन का दीदार सैलानियों को हो रहा है। जंगल के राजा टाइगर के अलग-अलग रूप देखने को मिल रहे है। बाघ कभी शिकार के मूड में तो कभी रास्तों पर घूमते दिखाई दे रहा है। इस बार शावक बाघिन मां के साथ अठखेलियां करते नजर आया है।

बाघिन द्वारा अपने शावकों को शिकार के गुर सिखाते हुए का वीडियो सामने आया। सतपुडा टाइगर रिज़र्व प्रबंधन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम अपने ऑफिसियल पेज पर शेयर किया है।

कैप्शन में लिखा कि बाघिन और शावक चंचल मूड में। उप-वयस्क के साथ बाघिन को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के पर्यटन क्षेत्र में देखा गया। बाघिन रुक-रुक कर झपकी ले रही थी लेकिन आसपास के शावकों पर नजर रख रही थी। अध्ययनों के अनुसार, बाघ दिन में 75% समय आराम करते हैं। वीडियो में केवल एक ही कैद हो सका और अन्य दो सांभर और जंगली सुअर का पीछा करने में व्यस्त थे। शावकों ने जीवन कौशल सीखना शुरू कर दिया। शावकों पर बाघिन चौकस निगाहों बनाएं रखे हैं।

सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व के फ़ील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति ने बताया कि जंगल में शावक अब बड़े हो गए हैं। उन्हें शिकार करने का तरीका उनकी मां ही बताती है। रविवार को घने जंगल में एक बाघिन अपने तीन शावकों को शिकार का प्रशिक्षण दे रही थी। दो शावक शिकार के पीछे दौड़ गए लेकिन एक शावक अपनी मां के साथ ही खेलने लगा।

नीलगाय के शिकार से चूका टाइगर

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का एक रोमांचित करने वाला VIDEO 4 दिन पहले सामने आया था। जिसमें बाघ शिकार करने आगे बढ़ा, जिसे नीलगाय ने देख लिया। करीब 25-30 फीट दूरी पर बैठे टाइगर ने जैसे ही पोजीशन ली, नीलगाय ने उसे देख लिया। टाइगर के इरादे भांपकर नीलगाय ने दौड़ लगा दी VIDEO को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी पोस्ट किया था। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। बाघों के साथ हिरण, सांभर, बारहसिंगा, बाइसन, नीलगाय समेत अन्य वन्यप्राणियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इन दिनों मढ़ई, चूरना में काफी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। सतपुड़ा की वादियों को देखने पहुंचे वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर जेसन टी दास ने इस रोमांचक पल को अपने कैमरे में कैद किया है। पूरी खबर पढ़े पूरी ख़बर पढ़े

55 से ज्यादा टाइगर्स, बारहसिंगा, चीतल

एसटीआर में करीब 55 से ज्यादा बाघ-बाघिन है। तेंदुआ, सांभर, चीतल, भेडकी, नीलगाय, चौसिंगा, चिंकारा, गौर, जंगली सूअर, , जंगली कुत्ता, भालू, काला हिरण, लोमड़ी, साही, उड़न गिलहरी, मूषक मृग और भारतीय विशाल गिलहरी आदि पाए जाते हैं। यहां पक्षियों की भी अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें धनेश और मोर प्रमुख हैं।

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