कतार लगने से होगी समस्या: सरकारी काॅलेजाें में बायोमैट्रिक से लगेगी विद्यार्थियों व प्रोफेसर की अटेंडेंस

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बैतूलएक घंटा पहले

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जिले के सभी 11 सरकारी कॉलेजों में अब बायोमैट्रिक मशीनों से विद्यार्थी और प्रोफेसर दोनों की अटेंडेंस लगेेगी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गईं हैं। जेएच कॉलेज में अलग-अलग संकाय की 12 विंग बनाकर 25 बायोमैट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी। 500 स्टूडेंट्स पर एक बायोमैट्रिक मशीन ही लगाई जा रही है, ऐसे में अटेंडेंस के लिए लंबी कतार लगने की समस्या हो सकती है। इधर प्रदेश के अन्य हिस्सों भोपाल और श्योपुर में छात्र संगठनों ने इस निर्णय का विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यदि बायोमैट्रिक मशीन लग रही हैं तो ज्यादा लगाई जानी चाहिए और पहले प्रोफेसरों के खाली पद भरे जाने चाहिए।

वर्तमान में सभी सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर और विद्यार्थी दोनों की अटेंडेंस रजिस्टर में लगती है। जिले के सबसे बड़े जेएच कॉलेज में 25 बायोमैट्रिक मशीनें लगाने के ऑर्डर हो चुके हैं। इधर बायोमैट्रिक मशीनों की संख्या छात्रों की संख्या के अनुपात में कम होने से समस्या खड़ी होने की आशंका है। इसीलिए जेएच कॉलेज में क्लास के हिसाब से नहीं बल्कि विंग के हिसाब से मशीनें लगाने का निर्णय लिया है। इसमें यूजी और पीजी की कॉमर्स विंग, आर्ट्स विंग, साइंस विंग में एक-एक बायोमैट्रिक मशीन लगेंगी। जिले में 11 सरकारी कॉलेज में लगभग 28 हजार विद्यार्थी हैं। अकेले जेएच कॉलेज में 11 हजार स्टूडेंट्स हैं। नेटवर्क की समस्या से परेशानी हो सकती है।

मशीनें लगनी चाहिए : छात्र नेता
एबीवीपी के छात्र नेता अंकित हारोड़े ने बताया कि बायोमैट्रिक मशीनों से अटेंडेंस के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। इस बारे में जानकारी ली जाएगी। इधर पूर्व छात्र नेता मोनू वाघ ने बताया कि वर्तमान में प्रोफेसर और स्टूडेंट्स कब आ रहे हैं कब जा रहे हैं इसका कोई रिकाॅर्ड नहीं रहता है। मशीन लगने से अनुशासन ज्यादा बेहतर होगा। मशीनें लगनी चाहिए।

प्रोफेसर व स्टाफ आनेजाने का लगाएंगे थंब
कॉलेज का स्टाफ आने और जाने के समय पर थंब लगाएगा। अब तक रजिस्टर में साइन होते हैं। स्टूडेंट्स के लिए प्रोफेसर खुद अपने साथ रजिस्ट्रर लेकर क्लास में जाते हैं। लेकिन अब स्टूडेंट खुद थंब से बायोमैट्रिक अटेंडेंस लगाएंगे।

विंग बनाकर अलग-अलग लगेंगी बायोमैट्रिक मशीनें
जेएच कॉलेज में 70 क्लासरूम हैं। इसीलिए 12 से 13 विंग बनाकर एक विंग में दो बायोमैट्रिक मशीनें लगाएंगे। 25 मशीनों का ऑर्डर है। एक मशीन लगभग 4500 हजार की आएगी। इस तरह 1 लाख 12 हजार रुपए के लगभग की मशीनें खरीदी जाएंगी। कॉमर्स का अलग ही भवन है इसीलिए यहां मशीनें इस भवन के हिसाब से लगेगी। वहीं अन्य क्लासों में विंग बनाकर मशीनें लगाएंगे।

यह अा सकती हैं समस्याएं

  • 75 प्रतिशत अटेंडेंस नहीं हाेने पर छात्रवृत्ति रूकेगी, ग्रामीण अंचलों के स्टूडेंट्स को समय पर अटेंडेंस नहीं लग पाने की समस्या हो सकती है।
  • नियम यह लागू किया है कि 75% अटेंडेंस नहीं तो छात्र परीक्षा से वंचित हो जाएंगे।
  • अटेंडेंस के लिए कतार लगानी होगी। ऐसे में बहुत से स्टूडेंट्स समय पर थंब नहीं लगा पाएंगे।
  • लाइट नहीं होने पर वैकल्पिक व्यवस्था का कोई इंतजाम नहीं है।

हमें जानकारी नहीं, प्रदेश स्तर पर हो रहा विरोध
प्रोफेसर खातरकर ने बताया कि प्रदेश स्तर पर बायोमैट्रिक का विरोध होने की जरूर जानकारी हमें मिली है, ग्रामीण अंचलों के कॉलेज में नेटवर्क और बिजली की समस्या के कारण यह प्रक्रिया सफल नहीं होने की बात कहते हुए विरोध किया जा रहा है। लेकिन फिलहाल बैतूल स्तर पर हमारे पास किसी तरह का आवेदन या शिकायत नहीं आई है।

25 मशीनों का ऑर्डर दिया है, जल्द लगेंगी
“कॉलेज में मशीन से अटेंडेंस की व्यवस्था लागू की जा रही है। 500 स्टूडेंट्स पर एक बायोमैट्रिक मशीन लगाई जाएगी। 25 मशीनें हम खरीद रहे हैं। इसके लिए ऑर्डर दिए जा रहे हैं।”
– डॉ. राकेश तिवारी, प्राचार्य, जेएच कॉलेज

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