गोदामों में सिर्फ एक माह का राशन: खराब गेहूं राशन दुकान संचालकों और वेयर हाउस प्रबंधकों ने लेने से किया इंकार

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खंडवाएक घंटा पहलेलेखक: शरद भावसार
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ऐसा घुन लगा गेहूं राशन दुकानों पर भेजा तो लौटा दिया गया।
जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गरीबों को बांटने के लिए घुन लगा 2600 मीट्रिक टन गेहूं सीहोर से खंडवा भेज दिया गया। लेकिन गेहूं घटिया होने के कारण राशन दुकान संचालकों और वेयर हाउस प्रबंधकों ने इसे लेने से इंकार कर दिया है। खाद्य आपूर्ति अधिकारी भी मान रहे हैं कि यह गेहूं खाने में उपयोग लायक नहीं है। जबकि नागरिक आपूर्ति निगम पूरे मामले को दबाने में लगा है। नागरिक आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक शरद अग्रवाल ने बताया कि कुछ बोरियां खराब हैं। दो साल पुराना ही गेहूं है।
दरअसल, गेहूं की किल्लत इसलिए हो रही है क्योंकि अप्रैल-मई में रुस-यूक्रेन युद्ध की वजह से विदेशों में गेहूं की मांग बढ़ने पर सरकार ने लगभग 500 रुपए प्रति क्विंटल के मुनाफे के लिए जिले के गोदामों में भरा गेहूं निर्यात कर दिया। चूंकि विदेशों में मांग बढ़ने पर स्थानीय मंडियों में भी गेहूं के दाम अच्छे मिले तो समर्थन मूल्य पर गेहूं न के बराबर बिकने आया। इस कारण गरीबों के राशन का गेहूं अब गोदामों में खत्म होने लगा है। ऐसे में राशन के रूप में गेहूं का कोटा घटाकर चावल का दोगुना कर दिया गया है। जिले के गोदामों में सिर्फ एक माह का गेहूं बचा है। अब समय पर गेहूं नहीं आया तो अगले माह राशन नहीं बंट पाएगा।
गोदामों में रखा 1.5 लाख टन गेहूं निर्यात किया, अब राशन का संकट
पिछले साल समर्थन मूल्य पर 2.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा था, उसमें से 1.50 मीट्रिक टन गेहूं रुस-यूक्रेन युद्ध की वजह से विदेशों में अच्छे भाव मिलने के कारण निर्यात कर दिया गया था। चूंकि उस समय समर्थन मूल्य पर 1975 रु क्विंटल का भाव था, जबकि विदेशों में 2500 रुपए क्विंटल के लगभग गेहूं निर्यात किया गया। करीब पांच सौ रु क्विंटल के मुनाफे की वजह से गेहूं निर्यात किया गया। लेकिन अब गोदाम खाली होने से राशन के गेहूं के लिए दूसरे जिलों पर निर्भर हो गए हैं।
गेहूं चार किलो से घटाकर दो किलो चावल एक किलो से बढ़ाकर तीन किलो
10 लाख उपभोक्ताओं को हर माह 10 हजार टन राशन बांटा जाता है। लेकिन अब गेहूं का कोटा प्रति व्यक्ति चार किलो से घटाकर दो किलो कर दिया जबकि चावल एक किलो से बढ़ाकर तीन किलो कर दिया। गोदामों में सिर्फ एक माह का 10 हजार टन गेहूं बचा है।
पिछले साल के मुकाबले सिर्फ 2.5% गेहूं खरीदा गया यानी 5700 टन
विदेशों में गेहूं की मांग होने से मंडियों में भाव अधिक था और समर्थन पर कम। इसलिए लोगों ने मंडियों में ही गेहूं बेचा। पिछले साल 2.25 लाख टन गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा था लेकिन इस बार सिर्फ 5700 क्विंटल गेहूं की खरीद हुई। पिछले साल के मुकाबले सिर्फ ढाई प्रतिशत।
घुन लगा गेहूं आया, भाेपाल जानकारी भेज दी गई है
गेहूं खराब होने की शिकायत मिलने पर मूंदी से 3 ट्रक माल वापस बुलवा लिया है। अन्य जगह से भी शिकायत आ रही है। नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से सीहोर से रैक आई थी, जिसमें घुन लगे हाेने की शिकायत के बाद गेहूं वापस बुलवाया गया है। भोपाल भी जानकारी भेज दी है। गेहूं का भंडारण सेंट्रल वेयर हाउस में होगा। –अरुण कुमार तिवारी, जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, खंडवा
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