गैस सिलेंडरों पर कमीशन बढ़ाने को लेकर कई जगहों पर डिलीवरी लेट, लोग परेशान

रायपुर । एलपीजी सिलेंडरों पर कमीशन बढ़ाने की मांग की वजह से शहर में कई एजेंसियों की ओर से सिलेंडरों की डिलीवरी लेट की जा रही है। इससे लोग परेशान हो रहे हैं। एचपीसीएल, बीपीसीएल और इंडियन ऑइल कंपनियों की एजेंसियों ने 6 नवंबर से होम डिलीवरी बंद करने का फैसला किया था। बाद में केंद्र सरकार से बात होने के बाद इस हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन इस घोषणा का असर अब भी जारी है।
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि कमीशन नहीं बढ़ाने के विरोध के पहले चरण में सभी गैस एजेंसी के संचालक और स्टाफ ने काली पट्टी लगाकर काम किया। 29 अक्टूबर को मशाल-मोमबत्ती जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। इसके बाद 6 नवंबर को नो मनी नो इंडेंट यानी सिलेंडर लेने के लिए कंपनियों में एडवांस रकम जमा नहीं कराई गई। इसका असर अब हो रहा है।
एडवांस रकम जमा नहीं होने की वजह से एजेंसी वालों को समय पर सिलेंडरों की गाड़ियां नहीं मिल रही हैं। जिसकी वजह से वे अभी जगहों पर होम डिलिवरी नहीं कर पा रहे हैं। एजेंसी वालों का कहना है कि दो-तीन दिन में स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी।
एक सिलेंडर घर पहुंचाने का खर्चा 120, मिल रहे 73 रु.
एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (आई) ने दावा किया था कि इस विरोध में 26 हजार से ज्यादा गैस एजेंसी वाले शामिल हैं। इसमें छत्तीसगढ़ की भी एजेंसियां शामिल हैं। एजेंसी वालों की केवल एक मांग है। वे सेवा शुल्क को 35 से बढ़ाकर 110 रुपए करने की है। उनका कहना है कि उन्होंने इसका प्रस्ताव केंद्र सरकार को 19 अप्रैल 2025 को भेजा था। इसलिए एजेंसी वालों ने 6 नवंबर को नो मनी-नो एंट्री हड़ताल की थी। घरेलू गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी रकम लंबे समय से नहीं बढ़ाई गई है। प्रशासनिक शुल्क भी 2018-19 के बाद से नियमित रूप से रिवाइज नहीं हुआ। आईआईएम अहमदाबाद की रिपोर्ट के अनुसार भी एक सिलेंडर की डिलिवरी लागत न्यूनतम 120 रुपए आती है।




