विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विशेष: सिवनी जिले में घूम रहे दर्जनों मानसिक विक्षिप्त, ठीक करने की नहीं ले रहा कोई जिम्मेदारी

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सिवनी41 मिनट पहले
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आज जहां सिवनी जिले सहित देशभर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विचार विमर्श चल रहा है। वहीं सिवनी मुख्यालय सहित जिले भर में दर्जनों मानसिक विक्षिप्त घूम रहे हैं। वह कहीं भी भीख मांग कर, तो कहीं रास्ते में पड़े हुए जूठन को खा कर अपना जीवन जी रहे हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
सिवनी मुख्यालय के बस स्टैंड बारापत्थर, छिंदवाड़ा चौक, शुक्रवारी चौक, भैरोगंज सहित कई जगह दर्जनों मानसिक विक्षिप्त घूमते नजर आ रहे हैं। जिनमें महिलाओं की संख्या भी अधिक है। सिवनी में मानसिक विक्षिप्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। मानसिक विक्षिप्तों की वजह से कई बार लोगों को परेशानी होती है। कुछ मानसिक विक्षिप्त कहीं पत्थर चला देते हैं, तो कहीं किसी को बेवजह गाली देने लगते हैं। सिवनी के कुछ लोगों ने कहा कि महाराष्ट्र के नागपुर सिवनी से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इन विक्षिप्तों से परेशान लोग ट्रक चालकों को पैसा देकर ट्रक में बैठा देते हैं। जहां से बहुत सारे मानसिक विक्षिप्त को सिवनी बाइपास में छोड़ दिया जाता है। वह शहर पहुंच जाते हैं।
नहीं चलाया जा रहा कोई अभियान
मानसिक विक्षिप्तों को लेकर शहर में कोई ऐसा अभियान नहीं चलाया जा रहा है, जिससे उन्हें स्वस्थ करने का तरीका निकाला जा सके। मानसिक विक्षिप्तों को ठीक करने के लिए ना ही कोई समाज सेवी संगठन सामने आ रहा है, ना ही कोई जिम्मेदार इस ओर ध्यान दे रहे हैं।
घट सकती है बड़ी दुर्घटना
मानसिक विक्षिप्तओं के कारण कई बार स्थितियां बिगड़ी हैं। ऐसा ही एक मामला छपारा में हुआ था जहां मानसिक विक्षिप्त के कारण तनाव की स्थिति उत्पन्न होने लगी थी। वहीं बीते वर्षों में कुछ महिलाएं अर्धनग्न स्थिति में भी घूमते नजर आ रही थी, जिससे असामाजिक तत्व के कारण अप्रिय घटना घटने की संभावना भी बढ़ रही थी।
असामाजिक तत्वों की मानसिक विक्षिप्त महिलाओं पर रहती है नजर
सिवनी मुख्यालय में कई असामाजिक तत्व सक्रीय हैं।जिनकी नजर मानसिक विक्षिप्त महिलाओं पर रहती है। कुछ समय पूर्व एक युवती अम्बेडकर चौक के पास डरी सहमी घंटो बैठी रही। कुछ जागरूक लोगों ने इस बात की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद महिला पुलिस सहित पुलिस अमला मौके पर पहुंचा और उसे अपने साथ लेकर गए।
मानसिक विक्षिप्तता का डिप्रेशन भी एक कारण
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसे (निमहंस) के अनुसार देश की 2.7 फीसदी आबादी डिप्रेशन जैसे कामन मेंटल डिसऑर्डर से ग्रसित है। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के 15 करोड़ लोगों को किसी ना किसी मानसिक समस्या की वजह से डॉक्टर की मदद लेनी पड़ती है। वहीं सिवनी के कई ग्रामों के मानसिक विक्षिप्त लोग शहर में घूम रहे हैं, लेकिन उनके परिजनों को उनसे कोई लेना देना नहीं है।
अप्रिय घटना के लिए जवाब दार कौन?
वहीं एक बड़ा सवाल है कि अगर किसी मानसिक विक्षिप्त के कारण कोई अप्रिय घटना घटित होती है, तो उसका जवाबदार कौन होगा? वहीं लोग उम्मीद जता रहे हैं कि जिम्मेदार इस समस्या की ओर ध्यान जरूर देंगे।
आसरा की रसोई से मिलता है भोजन
सिवनी मुख्यालय में आसार की रसोई की नाजनीन शेख मानसिक विक्षिप्त लोगों के भोजन की व्यवस्था भी करती हैं। कई समाजसेवी या अधिकारी उनके भोजन के लिए राशि भी दे देते हैं।

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