गांधी चौपालों के जरिए गांवों का डेटा बनवा रही कांग्रेस: भाजपा सरकार की घोषणाओं, समस्याओं की बन रही लिस्ट

[ad_1]

भोपालएक घंटा पहले

मप्र की सत्ता से करीब 15 साल बाहर रही कांग्रेस का वनवास साल 2018 में खत्म हुआ। कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन सिंधिया खेमे की बगावत के चलते महज 15 महीनों में ही सरकार गिर गई। सरकार भले चली गई हो लेकिन सत्ता में वापसी के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता 2023 के चुनाव में फिर सरकार बनने को लेकर आशान्वित हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस गांवों में अपना संगठन मजबूत करने में जुटी है। 2 अक्टूबर गांधी जयंती से प्रदेश भर में गांधी चौपालें शुरु की गई हैं। सादगीपूर्ण तरीके से लगाई जा रही इन चौपालों में गांवों के लोगों से कांग्रेस के नेता सीधे संवाद और चर्चा कर रहे हैं। खास बात ये है कि इन चौपालों के जरिए मुख्यमंत्री से लेकर राज्य और केन्द्र सरकार के मंत्रियों,सांसदों, विधायकों द्वारा की गई घोषणाओं की जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। चौपाल पर ग्रामीणों के जरिए उन समस्याओं की भी सूची बनाई जा रही है जो लंबे समय से व्याप्त हैं।

विधानसभा चुनाव में याद दिलाएंगे वादे

पीसीसी की ओर से मप्र भर में गांधी चौपाल कार्यक्रम के प्रभारी भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में लगभग 18 सालों से भाजपा की सरकार है इसके बावजूद लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं। जिन ठेकेदारों को नल-जल योजना का काम दिया गया उनमें से कई गांवों में सिर्फ पाइप बिछा दिए गए लेकिन नल की टोंटी से आज तक पानी नहीं आया। बुन्देलखंड पैकेज से जो पानी की टंकियां बनाई गई थी उनमें बडे़ पैमाने पर भृष्टाचार किया गया। राशन वितरण में गड़बड़ी हो रही है। खाद्यान्न पर्ची बनाने में भेदभाव किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्तें डलवाने के पहले जमकर पैसे वसूले जा रहे हैं। मनरेगा में मशीनों का उपयोग हो रहा है श्रमिक वर्ग गांवों से पलायन कर महानगरों में भटक रहा है। विधायकों सांसदों से लेकर मंत्रिगणों ने सड़कें, स्कूल, अस्पतालों को लेकर जो घोषणाएं की वे सिर्फ मंच के भाषणों तक सिमट कर रह गईं हैं। स्कूलों की हालत खराब है चौपालों में आए बच्चे बताते हैं कि कई गांव ऐसे हैं जहां शिक्षक समय पर जाते ही नहीं। यही हाल गांव वाले अस्पतालों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों के बता रहे हैं। गांधी चौपालों के जरिए गांवों की मूलभूत समस्याएं और सरकार की घोषणाएं दोनों को सूचीबद्ध किया जा रहा है।

जहां उपचुनाव हुए वहां का अलग से बन रहा डेटा

मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों के इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने के बाद कमलनाथ की सरकार गिरी थी। सिंधिया के फेरबदल के बाद अब तक 29 विधायक बीजेपी ज्वाइन कर चुके हैं। 2018 के बाद जिन सीटों पर उपचुनाव हुए हैं उन विधानसभा क्षेत्रों में वादे और घाेषणाएं भाजपा सरकार के मंत्रियों ने की थीं। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों और स्थानीय नेताओं ने जो वादे उपचुनाव के दौरान किए थे। उनका डेटा गांधी चौपालों के जरिए अलग से तैयार कराया जा रहा है। ताकि अगले 2023 के विधानसभा चुनाव में ये वादे याद दिलाए जा सकें। इन विधानसभाओं में उपचुनाव के बाद बढे़ क्राइम का डेटा भी बनवाया जा रहा है।

पृथ्वीपुर विस के पूर्व प्रत्याशी नितेन्द्र सिंह राठौर गांधी चौपाल के दौरान

पृथ्वीपुर विस के पूर्व प्रत्याशी नितेन्द्र सिंह राठौर गांधी चौपाल के दौरान

अब तक 4 हजार चौपालें लगीं

भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि अब तक प्रदेश भर में करीब 4 हजार गांधी चौपालों का आयोजन हो चुका है। इनमें कांग्रेस के बूथ लेवल वर्कर्स से लेकर पीसीसी के अध्यक्ष तक सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होंगे। विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, विधानसभा, लोकसभा प्रत्याशी, मंडलम्, सेक्टर कमेटियों द्वारा इन चौपालों का आयोजन किया जा रहा है। खास बात ये है कि ये चौपालें बेहद सादगी पूर्ण तरीके से आयोजित की जा रहीं हैं। इनमें जमीन पर फर्श बिछाकर कांग्रेस के नेता स्थानीय ग्रामीणों से संवाद और चर्चा कर रहे हैं।

भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद गांधी चौपालों में सभी धर्मों के धर्मगुरुओं का सम्मान कर रहे हैं। चौपालों में गांधी जी के चरखे भी रखे जा रहे हैं। गांधी जी के जीवन से जुडे़ वीडियो भी दिखाए जा रहे हैं।

भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद गांधी चौपालों में सभी धर्मों के धर्मगुरुओं का सम्मान कर रहे हैं। चौपालों में गांधी जी के चरखे भी रखे जा रहे हैं। गांधी जी के जीवन से जुडे़ वीडियो भी दिखाए जा रहे हैं।

विधायकों के साथ बीजेपी में गए कार्यकर्ताओं पर भी नजर

कांग्रेस नेताओं की मानें तो चौपालों का ग्रामीणों पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है कमलनाथ सरकार जाने के बाद बीजेपी में शामिल हुए विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ने वाले कार्यकर्ता अब निराश हैं। विधायक के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के बाद कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिल पा रहा है। कांग्रेस से बीजेपी में गए कार्यकर्ता एडजस्ट नहीं हो पा रहे हैं बल्कि पुूराने भाजपाईयों से आए दिन टकराहट की स्थिति बन रही है। खासतौर पर ग्वालियर, चंबल में कांग्रेस छोड़ने वाले कार्यकर्ता वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं। गांधी चौपालों के जरिए कांग्रेस अपने पुराने कार्यकर्ताओं की जानकारी भी एकत्रित करा रही है।

कमलनाथ भी होंगे शामिल

गांधी चौपाल में मप्र कांग्रेस कमेटी (PCC) के अध्यक्ष कमलनाथ भी शामिल होंगे। कमलनाथ छिंदवाड़ा जिले की चौपालों में शामिल होकर ग्रामीणों से चर्चा करेंगे। इसके अलावा दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी लेकर कांग्रेस के सीनियर लीड़र्स भी इन चौपालों में शामिल होंगे।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button