अनिश्चितकालीन हड़ताल पर व्यापारी: बंपर आवक के समय कपास मंडी में खरीदी बंद, किसानों की चिंता- उपज कहां रखेंगे

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खरगोनएक घंटा पहले
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आनंद नगर स्थित कपास मंडी।
कपास की बम्पर आवक के समय के बीच मंगलवार से मंडी शुल्क कम करने की मांग को लेकर कपास व्यापारी हड़ताल का रुख अख्तियार करने जा रहे हैं। जिले की सभी मंडियों में किसानों से उपज न लाने की अपील की गई है। इससे प्रदेश सरकार को राजस्व नुकसान के साथ ही किसानों को भी उपज बेचने के लिए परेशान होना पड़ सकता है। कपास उत्पादन में जिला प्रदेश में अव्वल माना जाता है। व्यापारियों के मुताबिक मंडी में प्रतिदिन करीब 500 वाहन अर्थात करीब 6 करोड़ रुपए का कपास खरीदा जाता है।
यहां अधिक उत्पादन के साथ ही कपास की गुणवत्ता बेहतर होने से विदेशों तक डिमांड रहती है। अक्टूबर-नवंबर माह में आवक बेहतर होती है, ऐसे में हड़ताल से सफेद सोने के इस व्यापार पर असर पड़ना लाजमी है। मंडी व्यापारी संघ अध्यक्ष मनजीत चावला ने बताया मध्यांचल कॉटन जिनर्स एंड ट्रेडर्स के आह्वान पर प्रदेश स्तरीय हड़ताल की जा रही है। इसमें जिले के व्यापारी भी शामिल होंगे। सरकार को पहले ही चेतावनी दे चुके हैं लेकिन सरकार जायज मांग पर ध्यान नहीं दे रही, नतीजतन हड़ताल करनी पड़ रही है।
पिछले साल भी दीपावली पर विरोध कर मंडी शुल्क कम करने की मांग की थी। तब सरकार ने जल्द ही मंडी शुल्क कम करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कम नहीं किया गया। ऐसे में जिले में कपास उद्योग खत्म हो जाएगा। सरकारी नीतियों के कारण पहले से ही कई जीनिंग उद्योग महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों में शिफ्ट हो गए हैं। यदि मंडी शुल्क कम होता है तो किसानों को भी फायदा होगा।
किसानों को सता रही चिंता
किसानों का कहना है कि वर्तमान में लगातार बारिश और आगामी दिनों में त्योहारों को देखते हुए हड़ताल स्थगित की जाना चाहिए। हड़ताल के समय में किसानों के सामने उपज रखने की समस्या आएगी। न तो खेत में, न खुले आसमान के नीचे उपज रख सकते हैं। यदि मजबूरन खुले बाजार में बेचेंगे तो औने-पौने दाम में उनकी उपज खरीदी जाएगी।
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