गरीबों के थाली से रोटी गायब: राशन दुकानों से गेहूं नहीं मिलने पर पनप रहा आक्रोश, ग्रामीणों ने दी आंदोलन करने की चेतावानी

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बालाघाट24 मिनट पहले

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सरकार के रवैये को लेकर लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है। राशन दुकानों से पिछले सात महीने से गेहूं नहीं मिलने के कारण हितग्राहियों ने जिले भर में आंदोलन करने की चेतावनी दी है। जिले में करीब 650 राशन दुकानों से हितग्राहियों को हर महीने सिर्फ चावल ही प्रदाय किया जा रहा है।

जिससे गरीबों की थाली से पौष्टिक आहार रोटी गायब हो गई है। हितग्राहियो को बगैर रोटी चावल से बना भात खाकर ही पेट भरना पड़ रहा है। सरकारी उचित मूल्यों की दुकानों से गेहूं नहीं मिलने के कारण जिले भर में कालाबाजारी बढ़ने लगी है।

गरीबों को नहीं हो रही सुनवाई

सरकार की नुमाइंदे व जिम्मेदार लोग इस मामले में चुप्पी साधे मौन है। हक और अधिकार से वंचित हो रहे गरीब हितग्राहियों की आवाज को सड़क से लेकर सदन तक उठाने के लिए मप्र झुग्गी झोपड़ी प्रकोष्ट के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मकसूद खान व उनके साथ बड़ी संख्या में लोग कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुुंचे।

जहां उन्होंने गरीब हितग्राहियों को हर महीने पूर्व की तरह गेहूं प्रदाय करने की मांग को लेकर जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा गरीबों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि लंबे समय से गेहूं नहीं मिल रहा है, जिसके कारण जरूरतमंदों को महंगे दामों में करीब 30 रुपए किलों के दाम में गेहूं विक्रय किया जा रहा है, जिससे कालाबाजारी बढ़ गई है।

वेयरहाउस में भंडारित है गेहूं

जिले भर के वेयरहाउस में बड़ी मात्रा में गेहूं का भंडारण होने की बात कही जा रही है, लेकिन राशन दुकानों को सप्लाई क्यों नहीं किया जा रहा है, यह बात लोगों की समझ से परे मानी जा रही है। हालाकि विभागीय तौर पर कहा जा रहा है कि ऊपर से ही सप्लाई नहीं की जा रही है, जिस वजह से सरकारी उचित मूल्यों की दुकानों से गेहूं प्रदाय नहीं किया जा रहा हैं।

सिर्फ भात खाकर ही भर रहे पेट

थाली से गायब हुई रोटी को लेकर कलेक्ट्रेट पहुुंचे हितग्राहियों का कहना है कि वे करीब सात महीने से चावल का भात बनाकर ही पेट भर रहे है, जबकि जिले के लोगों भोजन में रोटी खाते है। दैनिक मजदूरी करने वाले दिहाड़ी मजदूर भी चावल की जगह रोटी ही लेकर जाते है, लेकिन गेहूं नहीं मिलने के कारण वे रोटी खाने को तरस रहे है।

आखिर क्यों चुप हैं सत्ता पक्ष के लोग

ग्रामीणों ने कई बार सत्ता पक्ष के लोगों को इस संबंध में अवगत कराया है, लेकिन इस संबंध में किसी प्रकार के सकारात्मक कदम नहीं उठाए जा सके है। जिसको लेकर लोगों के बीच आक्रोश पनप रहा है। इधर, विपक्ष के बड़बोले में कुछ कहने से बचते आ रहे है और कदम-ताल मिलाकर राजनीति करने में जुटे हुए है।

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