गणेशोत्सव: खिले उठे ग्वालियर के बाजार…: बाजारों में रौनक, दो साल बाद खिले व्यवसायियों के चेहरे, मिट्टी के गणेश की डिमांड

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- Brightness In The Markets, The Faces Of Businessmen Blossomed After Two Years, The Demand For Earthen Ganesha
ग्वालियरएक घंटा पहले
बाजारों में जगह-जगह सजीं यह रंग बिरंगी गणेश मूर्तियां
- गमले वाले गणेश सबसे ज्यादा बिके
ग्वालियर में गणेशोत्सव पर बाजारों में रौनक है और दो साल बाद व्यवसायियों के चेहरे खिले नजर आ रहे हैं। इस बार गणेशोत्सव से त्योहार के सीजन की कोरोना मुक्त शुरुआत हो रही है। आज गणेश चतुर्थी है और बाजार गणेश भक्तिमय हो गए हैं। हर तरफ रंग-बिरंगी गणेश मूर्तियां रखी नजर आ रही हैं। जो 50 रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक की बिक रही हैं। पर लोगों में इस बार पर्यावरण को लेकर जागरुकता देखने को मिल रही है।
शहर के लोग POP की अपेक्षा मिट्टी के गणेश की मांग कर रहे हैं। यही कारण है कि ग्वालियर के बाजार में गमले वाले गणेश की डिमांड ज्यादा हो रही है। इसमें गमले में मिट्टी के गणेश बैठाकर दिए जा रहे हैं। गणेश मूर्ति में विभिन्न पौधों के बीज डाले गए हैं। इसी गमले में इनका विसर्जन होगा और मूर्ति की मिट्टी में पौधा जन्म लेगा।

इस बार इकोफ्रेंडी गमले वाले मिट्टी के गणेश की डिमांड ज्यादा
500 से ज्यादा पंडाल, सबसे बड़े गणेश बाड़ा पर लगे
दो साल बाद ऐसा हो रहा है कि गणेशोत्सव पर कोरोना की काली छाया नहीं है। यही कारण है कि शहर में छोटे-बड़े पंडाल मिलाकर करीब 500 के लगभग झांकियां लगाई जा रही हैं। बीते दो साल में यह झांकियां कोविड प्रोटोकॉल व गाइडलाइन में सिमटकर रह गई थीं। पर इस बार शहर के लोग इस उत्सव को धूमधाम से मनाने जा रहे हैं। शहर में सबसे बड़ी गणेश मूर्ति बाड़ा पर लगाई गई है। यहां 12 फीट के गणेश लगाए गए हैं। यह शहर का सबसे बड़ा पंडाल होगा। इसके अलावा अचलेश्वर, दौलतगंज व जिंसी नाला के गणेश पंडाल भी आकर्षक होंगे।
60 अलग-अलग तरीके के मोदक भी बाजार में आए
– बात गणेशोत्सव की हो रही है तो भगवान गणेश के पसंदीदा प्रसाद को कैसे भूल सकते हैं मोदक और लड्डू इनकी बाजार में वैरायटी डबल हो गई है। महाराज बाड़ा मोर बाजार स्थित MLB स्वीट्स ने तो मोदक की सीरीज चला दी है। उन्होंने गणेशोत्सव के लिए 60 तरह के मोदक बनाए हैं। इसमें गुलकंद से लेकर पिस्टा, काजू के मोदक हैं। यह मोदक की कीमत 600 रुपए से लेकर 1200 रुपए किलो तक है। इसी तरह बूंदी और बेसन के लड्डू के भाव में 15 से 20 रुपए का उछाल आ गया है।
कारोबार बढ़ने की उम्मीद
– साल 2020 से पहले गणेशोत्व में गणेश प्रतिमाओं और मिठाइयों का कारोबार 8 से 10 करोड रुपए का होता था, लेकिन इसके बाद साल 2020 और 2021 कोरोना की चपेट में आए और कारोबार घटकर 2 से 3 करोड़ पर आ गया था। पर व्यापारियों को उम्मीद है कि इस बार कोरोना का साया नहीं होने पर यह कारोबार फिर उछाल मारेगा। कारोबार कोरोना से पहले के सालों के प्रतिशत पर पहुंच सकता है।
इको फ्रेंडली गणेश की डिमांड
सरकार, सामाजिक संस्थाएं और दैनिक भास्कर लगातार मिट्टी के गणेश को लेकर अभियान चला रहा है। यही कारण है कि इस बार शहर के लोग दुकानों पर जाकर मिट्टी के गणेश मांग रहे हैं। यह 10 से 20 रुपए महंगे जरुर हैं, लेकिन इको फ्रेंडली होने के कारण पर्यावरण को इनसे कोई नुकसान नहीं है। इस बार गमले वाले गणेश इसलिए सबसे ज्यादा डिमांड में हैं। यहां गमले में गणेश प्रतिमा लगाकर दी जा रही है और उसमंे एक पौधे का बीज डाला हुआ है। आप जब गणेश मूर्ति का विसर्जन करेंगे तो वह पौधे का बीज उसकी गणेश की मिट्टी में गमले में जन्म लेगा।
पहले से अच्छा रिस्पोंस
– गणेश मूर्तियों का व्यापार करने वाले महेश का कहना है कि बाजार में गणेशोत्सव की धूम है। बाजार अच्छा चल रहा है। कोरोना में पिछले दो साल से बहुत अच्छा है, लेकिन और अच्छा चलने की उम्मीद थी।
– पीओपी की मूर्ति का कारोबार करने वाले राहुल का कहना है कि पीओपी की मूर्ति की डिमांड इस बार कम है। पिछले साल की तुलना में इस बार पीओपी के गणेश कम बिक रहे हैं। उनके पास 400 से लेकर 1100 तक के गणेश हैं।
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