खड़गे के ऐलान से MP के युवा नेताओं में उत्साह: जीतू ने राहुल की यात्रा में डाला डेरा, AICC में किसे और क्यों मिल सकती है जगह

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भोपालएक घंटा पहलेलेखक: विजय सिंह बघेल

कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 50% पद 50 साल से कम उम्र के नेताओं को देने की बात कही है। इस बयान के बाद प्रदेश में कांग्रेस के युवा नेताओं की उम्मीदें बढ़ गई हैं। यहां के युवा नेताओं ने दिल्ली दरबार के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। खड़गे की घोषणा यदि AICC की टीम बनाने के क्राइटेरिया में तब्दील हुई, तो मध्यप्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं को जगह मिल सकती है।

पहले जान लीजिए, खड़गे ने क्या कहा था…
चार दिन पहले कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करने के बाद खड़गे ने कहा था- उदयपुर में जो ब्लू प्रिंट बना था, उसे लागू करने की जिम्मेदारी सब पर है। हमने तय किया था कि युवाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। संगठन में 50 % पद 50 की उम्र से कम लोगों को दिए जाएंगे। इसके अलावा, कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सशक्त किया जाएगा। ब्लॉक, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर खाली पदों को भरा जाएगा। पब्लिक इनसाइड डिपार्टमेंट, AICC इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट बनाए जाएंगे। सभी राज्यों में जल्द ही पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी बनेगी।

राहुल के साथ पैदल चले जीतू पटवारी
मप्र कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जीतू पटवारी अध्यक्ष पद के चुनाव में सक्रिय रहे। अध्यक्ष के दावेदारों अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह से लेकर मुख्य उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे से जीतू चुनाव के दौरान मिले। इसके बाद खड़गे के शपथ ग्रहण समारोह में भी जीतू शामिल हुए। इसके बाद जीतू खास दोस्त और कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी के साथ ‘भारत जोड़ो’ यात्रा में शामिल होने पहुंचे। जीतू ने तीन दिन तक राहुल के साथ कदमताल कर पदयात्रा की। जीतू की राष्ट्रीय नेताओं के साथ बढ़ी सक्रियता से अंदाजा लगाया जा सकता है कि खड़गे की नई टीम में पटवारी को पद से नवाजा जा सकता है।

राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने पहुंचे थे जीतू पटवारी। जीतू ने तीन दिन तक राहुल के साथ कदमताल कर पदयात्रा की थी।

राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने पहुंचे थे जीतू पटवारी। जीतू ने तीन दिन तक राहुल के साथ कदमताल कर पदयात्रा की थी।

अंडर 50 इन नेताओं को मिल सकता है मौका

पहले बात आदिवासी वर्ग के युवा नेताओं की
15 साल बाद 2018 में प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी में आदिवासी वर्ग का बड़ा योगदान था। 47 सीटों में से कांग्रेस को करीब 30 सीटें मिली थीं। अब कांग्रेस अगले साल के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आदिवासी वर्ग को साधे रखना चाहती है, लेकिन आदिवासी वर्ग के युवाओं का जयस संगठन के प्रति बढ़ता आकर्षण चुनौती बन सकता है। लिहाजा, AICC की नई टीम में जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. हीरालाल अलावा को शामिल कर आदिवासी युवा नेताओं की भागीदारी बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, पूर्व डिप्टी सीएम जमुना देवी के भतीजे उमंग सिंघार, सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल, हिना कांवरे, विक्रांत भूरिया, डॉ. अशोक मर्सकोले, पांचीलाल मेड़ा को भी टीम में जगह मिल सकती है।

जानिए, कांग्रेस के कौन से आदिवासी नेता दौड़ में

हिना कांवरे- 38 साल की हिना नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले की लांजी से विधायक हैं। हिना मप्र विधानसभा की उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। आदिवासी महिलाओं में पकड़ बनाने के लिए हिना को जगह मिल सकती है।

OBC वर्ग से इनके शामिल होने की संभावना
मप्र लोकल इलेक्शन के पहले OBC आरक्षण बड़ा मुद्दा रहा। विधानसभा से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक मामला उठा। दोनों पार्टी नेताओं ने एक-दूसरे पर ओबीसी विरोधी होने के आरोप लगाए। मप्र के पिछड़े वर्ग के नेताओं को नई टीम में जगह मिल सकती है। इनमें पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, राकेश मावई, जीतू पटवारी, सचिन यादव, सिद्धार्थ कुशवाह शामिल हैं।

राकेश मावई– 48 साल के मावई मुरैना सीट से 2020 के उपचुनाव में विधायक बने थे। गुर्जर समाज की बहुलता वाले चंबल अंचल में अगले साल चुनाव को देखते हुए राकेश मावई को नई टीम जगह मिल सकती है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण में शामिल होने पहुंचे कमलेश्वर पटेल।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के पदभार ग्रहण में शामिल होने पहुंचे कमलेश्वर पटेल।

महेश परमार- 43 साल के महेश परमार उज्जैन जिले की तराना से विधायक हैं। इससे पहले वे तीन बार जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। महेश को हाल ही में नगर निगम में मेयर का उम्मीदवार बनाया गया था। महेश की सक्रियता को देखते हुए उन्हें एआईसीसी में शामिल किया जा सकता है।

कुणाल चौधरी- 40 साल के कुणाल शाजापुर जिले की कालापीपल से विधायक हैं। बीई करने के बाद कुणाल ने स्ट्रक्चर में एमई किया है। मप्र में विपक्ष के बेबाक विधायकों में से एक कुणाल चौधरी पहले युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। यदि 50 साल वाला फॉर्मूला लागू हुआ, तो उनकी किस्मत चमक सकती है।

भारत जोड़ो में राहुल गांधी से साथ विधायक कुणाल चौधरी ने कदमताल किया था। कुणाल चौधरी पहले युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।

भारत जोड़ो में राहुल गांधी से साथ विधायक कुणाल चौधरी ने कदमताल किया था। कुणाल चौधरी पहले युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं।

निलय डागा- 45 साल के निलय डागा बैतूल से विधायक हैं। एग्रो बिजनेस मास्टर डिग्री करने वाले निलय राजनीति में आने वाले प्रदेश के एकमात्र कांग्रेस विधायक हैं। आदिवासी बहुल बैतूल जिले में सामाजिक उपक्रम संचालित करने वाले डागा को भी एआईसीसी में शामिल किया जा सकता है।

विशाल पटेल- 43 साल के विशाल पटेल इंदौर जिले की देपालपुर से विधायक हैं। विशाल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और मप्र पंचायती राज प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। इंदौर के शहरी और ग्रामीण इलाके में अच्छी पकड़ रखने वाले विशाल को एआईसीसी में जगह मिल सकती है।

ये नेता भी हो सकते हैं शामिल

मनोज चावला- रतलाम जिले की आलोट से विधायक हैं। NSUI से राजनीति की शुरुआत करने वाले मनोज पेशे से वकील हैं। 2018 में वे पहली बार विधायक बने।

रविन्द्र सिंह तोमर- 50 साल के रविन्द्र मुरैना जिले की दिमनी से 2020 के उपचुनाव में विधायक बने थे। किसान नौजवान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मुरैना में सक्रिय रहते हुए क्षेत्र में अच्छी पकड़ बनाई। राजपूत बहुल चंबल इलाके के रविन्द्र को एआईसीसी में शामिल किया जा सकता है।

ये भी हो सकते हैं नई टीम में शामिल
​​​​​​​नूरी खान, प्रतिभा रघुवंशी, रश्मि पवार शर्मा, सचिन शर्मा, देवाशीष जरारिया।

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