खग्रास चंद्र ग्रहण आज, नहीं खुले मंदिरों पट: अंचल में 51 मिनट रहेगी अवधि, दोपहर 2.:39 से शाम 6:19 बजे तक रहेगा ग्रहण

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ग्वालियर26 मिनट पहले

  • शाम को खुलेंगे मंदिरों के पट

कार्तिक पूर्णिमा पर आज मंगलवार को खग्रास चंद्र ग्रहण ग्वालियर-चंबल के साथ देश के अधिकतर भागों में शाम के समय खग्रास रूप में दिखाई देगा। ग्रहण का सूतक मंगलवार सुबह 5:30 बजे से लग गया है। इसके चलते ब्रह्म मुहूर्त में पूजा के उपरांत मंदिर के पट दिन भर नहीं खुलेंगे। ग्रहण खत्म होने पर शाम 6:20 बजे के बाद मंदिर के पट खुल जाएंगे। अंचल में खग्रास चंद्र ग्रहण की अवधि 51 मिनट की रहेगी। यह ग्रहण भरणी नक्षत्र, छत्र भंग योग और मेष राशि में घटित हो रहा है। यह ग्रहण सेना एवं सत्ता पक्ष के लिए कष्टकारी माना जा रहा है। पर्यावरण प्रदूषित होने से बीमारियां बढ़ने की संभावना प्रबल है।
ज्योतिषाचार्य पं. विजय भूषण वेदार्थी के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर आज (मंगलवार) को भरण नक्षत्र, मेष राशि और छत्र भंग योग में खग्रास चंद्र ग्रहण का योग घटित हुआ है। यह ग्रहण दोपहर 2:39 बजे से प्रारंभ होकर शाम 6:19 बजे तक रहेगा। ग्रहण की पूर्ण अवधि 1 घंटा 36 मिनट होगी। ग्रहण का सूतक सुबह 5:30 बजे से लग गया है। जब भी 15 दिन के कालखंड में दो ग्रहण लगते हैं, तो उसे छत्र भंग योग कहते हैं।
सूर्य, पृथ्वी व चन्द्रमा एक सीध में आते हैं तब पड़ता है चन्द्र ग्रहण
ज्योतिषाचार्य डॉ. एचसी जैन ने बताया कि जब सूर्य क्रांति मंडल में व चंद्रमा विमंडल में अपनी अपनी कक्षाओं में परिभ्रमण करते हैं और सूर्य से छह राशि के अंतर पर पूर्णिमा के दिन जब सूर्य, पृथ्वी, चंद्रमा एक सीध में होते हैं तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक लेती है तब चंद्र ग्रहण होता है।
क्या करें उपाय
ज्योर्तिविद पं. नितिन तिवारी उर्फ रिंकू शास्त्री के अनुसार ग्रहण काल में ग्रहण की छाया से बचना होगा। जिन जातकों की राशि में ग्रहण का अशुभ प्रभाव दिखाई दे रहा है। विशेषकर उन्हें ग्रहण की छाया से बचना चाहिए। ग्रहण पर्व काल में ईष्ट देव की आराधना, जप, हवन, दान करने से ग्रहण के अशुभ प्रभाव से राहत मिलेगी।
ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
मान्यताओं के अनुसार ग्रहण में भोजन या पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। कोई भी नया काम या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय सोना भी नहीं चाहिए। ग्रहण के दौरान चाकू या धारदार चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। सूतक लगने के बाद सिलाई कढ़ाई का काम न करें। गर्भवती महिलाएं सूतक से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक बाहर न निकलें और पेट पर सूतक लगने से पहले ही गेरू लगा लें। खाने पीने की की वस्तु में तुलसी या कुशा का पत्ता डालें, लेकिन उसे सूतक से पहले ही तोड़ लें।
ग्रहण का राशियों पर ये पड़ेगा असर

मेषः अधिक कष्टकारी है, इसलिए ग्रहण काल में घर में ही रहें। – वृषः धन हानि एवं अपयश से मानसिक पीड़ा हो सकती है। – मिथुनः आय के स्रोतों में वृद्धि के साथ-साथ आकस्मिक लाभ के योग बन रहे हैं। – कर्कः शुभ-सम्वृद्धि बढ़ने के साथ-साथ भावी मांगलिक उत्सव, प्रसन्नता दायक रहेंगे। – सिंहः भय, अपमान, आकस्मिक कष्ट संभावित है। – कन्याः शारीरिक एवं मानसिक कष्ट के साथ साथ व्यर्थ के विवाद की स्थिति बनेगी। – तुलाः दाम्पत्य जीवन में बाधा एवं भागीदारी के कार्यों में विवाद बनेगा। -वृश्चिकः गृहस्थी सुख में वृद्धि, लंबित कार्य पूर्ण होंगे। – धनुः मानसिक चिंता के साथ प्रियजन से असहयोग रहेगा। – मकरः शारीरिक कष्ट के साथ-साथ आय के साधनों में भी रुकावट आएगी। – कुंभः धन लाभ एवं पद प्रतिष्ठा में वृद्धि से मन प्रसन्न रहेगा। – मीनः आर्थिक हानि से मन व्यथित होगा, स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

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