Chhattisgarh

खरिमखरा नृत्य से मणिपुर के कलाकारों ने जीवंत किया झूम खेती की तैयारी का दृश्य, डांस ऑफ़ लाइवलीहुड भी कहा जाता है इस नृत्य को

रायपुर, 02 नवम्बर । जनजातीय क्षेत्रों में झूम खेती होती थी। झाड़ियों को आग लगाकर साफ किया जाता था और खेती की जमीन तैयार होती थी। यह पूरी प्रक्रिया श्रमसाध्य थी लेकिन उत्सव का प्रतीक भी थी क्योंकि खेती ही लाइवलीहुड का अवसर प्रदान करती थी। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव ने मणिपुर के कलाकारों ने खरिमखरा नृत्य के माध्यम से झूम खेती की तैयारी को सजीव किया, इसे डांस आफ लाइवलीहुड भी कहा जाता है।

नृत्य में दिखाया गया कि कैसे खेती के लिए उपयोगी जमीन चिन्हांकित होती थी, फिर इसे तैयार किया जाता था और बीज रोपा जाता था। इस पूरी प्रक्रिया को खरिमखरा नामक सुंदर नृत्य से मणिपुर के लोककलाकारों ने प्रस्तुत किया। यह खुखरई जिले के निवासी हैं।

नृत्य की खास विशेषता है कि इसमें घुटने में पहने हुए आभूषणों से तालबद्ध धुन निकलती है। स्टेप्स जितने सटीक बैठते हैं आभूषण से निकलने वाली धुन भी उतनी ही सटीक होती है। खरिमखरा नृत्य कृषि संस्कृति का उत्सव है और अपने श्रम के माध्यम से जमीन तैयार करने का अद्भुत उत्साह भी इससे झलकता है जो नृत्य रूप में और भी आकर्षक हो जाता है।

Related Articles

Back to top button