खराब फसलों के सर्वे की मांग: 11 पंचायतों के 45 गांव प्रभावित, किसानों ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन

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बैतूल33 मिनट पहले
चिचोली तहसील के दर्जनों किसानों ने आज बैतूल पहुंचकर खराब फसल के मुआवजे के लिए कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है की न तो उनके क्षेत्रों में खराब फसलों का सर्वे किया जा रहा है। न ही मुआवजे या फसल बीमा की कोई प्रक्रिया की जा रही है।
चिचोली तहसील की 11 पंचायतों के करीब 45 गांवों के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे। किसानों ने कलेक्ट्रेट में जमकर नारेबाजी की। उन्होंने कहा की क्षेत्र में मक्का की फसल अतिवृष्टि के चलते पूरी तरह बर्बाद हो गईं। सोसायटी और बैंको के जरिए बीमा की रकम किसानों के खाते से काटी गई। लेकिन न तो खराब फसल का मुआवजा मिल रहा है और न बीमा।
किसानों के मुताबिक क्षेत्र की 11 पंचायत बेला, चुरनी, चिरापाटला, कामठामाल, बोड रैयत, कुरसना, गवासेन, झिरियाडोह, टोकरा, बल्लोर और खपरिया में मक्का फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है। इसकी जांच कर खराब फसल का मुआवजा राशि एवं बीमा राशि दिलाई जाए। किसानों ने बताया की पिछले वर्ष भी फसल खराब हुई थी। जिसका मुआवजा राशि नाममात्र प्राप्त हुई थी। बीमा राशि पूर्व वर्ष 2020 में भी मक्का की फसल के लिए काटी गई थी। किंतु बीमा राशि प्राप्त नहीं हुई। 13 फरवरी 2022 को सीएम ने सिंगल क्लिक के जरिए जिस बीमा राशि को भेजा था। वह भी 11 पंचायतों में नहीं मिली। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र मुआवजा, बीमा राशि का वितरण, सर्वे नहीं हुआ तो वे बैतूल-इंदौर हाईवे पर चक्काजाम कर देंगे।

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