खजुराहो में शरद पूर्णिमा उत्सव: भगवान मतंगेश्वर महादेव का किया भव्य श्रृंगार; मान्यता आज के दिन ही बढ़ता है शिवलिंग का साइज

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खजुराहो4 घंटे पहले
विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो में शरद पूर्णिमा उत्सव रविवार को मनाया जा रहा है। प्रचीनकालीन मतंगेश्वर महादेव का भव्य एवं अलौकिक श्रृंगार किया गया। इस मौके पर दर्शन के लिए शिवालय में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। शरद पूर्णिमा के दिन महिलाओं ने व्रत रखकर भगवान को लड्डू भेंट किए।
ऐसी मान्यता भी है कि शरद पूर्णिमा के दिन मतंगेश्वर महादेव तिल के आकार के बढ़ते हैं। शरद पूर्णिमा पर खजुराहो के मतंगेश्वर महादेव का भव्य एवं अलौकिक श्रृंगार किया जाता है, जिसे देखने के लिए दूरदराज से लोग खजुराहो पहुंचते हैं।

9 फीट जमीन के अंदर है शिवलिंग
खजुराहो में मौजूद मतंगेश्वर महादेव का शिवलिंग 9 फीट जमीन के अंदर और 9 फीट ही जमीन के बाहर है। इस भव्य मंदिर को 920 ई. में चंदेला राजा हर्षवर्मन ने बनवाया था। यहां के लोगों के मानें तो खजुराहो के पुरातत्व मंदिरों में यह इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसमें अब भी पूजा-पाठ होता है। मंदिर के पुजारियों का कहना है कि हर साल कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा के दिन यहां स्थापित शिवलिंग का आकार एक तिल के बराबर बढ़ जाती है।
महाभारत काल से जुड़े प्रमाण
इस मंदिर से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शंकर ने एक मरकत नामक मणि युधिष्ठिर को दी थी। युधिष्ठिर के बाद ये मणि मतंग ऋषि को मिली, जिसे उन्होंने राजा हर्षवर्मन को सौंप दिया। कहा जाता है कि ये मणि इस शिवलिंग में इस मणि को गाड़ दिया गया था। जिस कारण इस मंदिर का नाम मंतगेश्वर महादेव रखा गया। खजुराहो में मंतगेश्वर की बहुत महत्ता है, यहां लोग इनकी पूजा किए बिना किसी भी प्रकार का कोई शुभ कार्य नहीं करते।
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