6 साल के लिए निष्कासित नेता की 2माह में वापसी: निगम चुनाव में भाजपाई भाई के पक्ष में प्रचार करने पर हटाए गए थे कांग्रेस नेता केशरवानी

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सागरएक घंटा पहले

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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के साथ अखिलेख केशरवानी। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ के साथ अखिलेख केशरवानी। (फाइल फोटो)

सागर में नगर निगम चुनाव के दौरान भाजपाई भाई के पक्ष में प्रचार करने के आरोप पर 6 साल के लिए निष्कासित हुए कांग्रेस मोनी केशरवानी की वापसी हो गई है। दो माह बाद ही पार्टी ने उनका निष्कासन रद्द कर दिया है। दरअसल, सागर जिला ग्रामीण कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अखिलेश मोनी केशरवानी का निष्कासन पार्टी हाईकमान ने रद्द कर दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जांच रिपोर्ट के आधार पर उन्हें क्लीनचिट दी है। नगर निगम चुनाव में भाजपा से पार्षद का चुनाव लड़ रहे उनके भाई के पक्ष में प्रचार करने की शिकायत सीधे कमलनाथ से की गई थी। जिस पर केशरवानी काे कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित करते हुए एक विशेष जांच कमेटी गठित की गई थी।

कमेटी में जिले के प्रभारी अविनाश भार्गव की अध्यक्षता में जांच कराई गई। जिसमें केशरवानी कहीं भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त नहीं पाए गए। उन पर लगे आरोप निराधार साबित हुए हैं। जांच रिपोर्ट के बाद कमलनाथ ने केशरवानी को पुनः संगठन में बहाल करते हुए उन्हें पुराना दायित्व सौंपा है। केशरवानी काे अब फिर से संगठन को मजबूती दिलाने की जवाबदारी सौंपी गई है। यहां बता दें अखिलेश केशरवानी तिलकगंज से भाजपा पार्षद व एमआईसी सदस्य शैलेष केशरवानी के भाई हैं। शैलेष पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव के खेमे से हैं।
मुझे हटवाने में जनाधार विहीन नेताओं का षड्यंत्र था
निष्कासन रद्द होने के बाद कांग्रेस नेता अखिलेश केशरवानी ने कहा कि निष्कासन के बाद मैंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ काे पत्र िलखकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया था। निगम चुनाव में मेरे पास जवाहरगंज वार्ड का प्रभार था। इस वार्ड से कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी काे 88 वोट से लीड मिली थी, जबकि पार्षद प्रत्याशी 20 वोट से चुनाव हार गई थीं। मुझे हटवाने का षड्यंत्र पार्टी के उन जनाधार विहीन नेताओं ने किया था, जिनके वार्ड से महापौर और पार्षद प्रत्याशी दोनों चुनाव हार गए। बगैर नोटिस दिए मेरा निष्कासन कराया गया था। पार्टी ने मेरा निष्कासन समाप्त कर मुझ पर जाे विश्वास जताया है, उसे कभी टूटने नहीं दूंगा।

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