Chhattisgarh

कोरबा में SECL के भूविस्थापितों का प्रदर्शन: ग्रामीण बोले- जबरन विस्थापन कराया, बुनियादी सुविधाएं नही दी; 16 अप्रैल से आंदोलन की चेतावनी

कोरबा में SECL की परियोजनाओं से प्रभावित भूविस्थापितों ने प्रदर्शन किया। बिलासपुर मुख्यालय के सामने ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर रैली निकाली और मेन गेट पर तालाबंदी कर 5 घंटे तक बैठे रहे। भूविस्थापितों ने SECL पर जबरन विस्थापन किए जाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि खदान की जमीन के लिए उन्हें हटाया जा रहा है, लेकिन बदले में बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही। वहीं उन्होंने खदानों में हो रही हैवी ब्लास्टिंग पर रोक लगाए जाने की मांग की है।

कोरबा ऊर्जाधनी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि प्रबंधन को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो 16 अप्रैल से सभी खदानों में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।

ग्रामीणों का आरोप है कि बिना उचित रोजगार, पुनर्वास और मुआवजे का निपटारा किए जबरन विस्थापन कराया जा रहा है। विस्थापन से पहले ही गांव के रहवासी क्षेत्र में खदान का विस्तार किया जा रहा है। उनका कहना है कि इससे ग्रामीणों का जीवन, संपत्ति और स्वास्थ्य खतरे में है। साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। इस दौरान भू अर्जन के नोडल अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर उनका मांगपत्र लिए।

बुनियादी सुविधाएं देने की मांग

प्रदर्शनकारियों ने एसईसीएल की खदानों में कार्यरत ठेका कामगारों को सामाजिक सुरक्षा और बुनियादी सुविधाएं देने की भी मांग की है। साथ ही भूमि अर्जन कानून 2013 की धारा 45 के तहत परियोजना स्तर पर पुनर्वासन समिति के गठन की मांग भी प्रमुख है।

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