उतावली घाट पर एक साथ 50हजार मुस्लिमों ने पढ़ी नमाज: हजरत शाह निजामुद्दीन भिकारी चिश्ती रेहमतुल्लाह अलैह का 537वां उर्स, अमन की मांगी दुआएं

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बुरहानपुर (म.प्र.)एक घंटा पहले
हजरत शाह निजामुद्दीन भिखारी चिश्ती रेहमतुल्लाह अलैह के वार्षिक उर्स के मौके पर रविवार शाम 6.15 बजे उतावली तट पर करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने मगरिब की नमाज अदा की। इसे लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।
हर साल उतावली तट स्थित दरगाह पर हजरत शाह भिखारी रेहमतुल्लाह अलैह का उर्स आयोजित होता है। इस दौरान मगरिब की नमाज अदा की जाती है। रविवार शाम यहां करीब 50 हजार से अधिक मुस्लिम समाजजन ने नमाज अदा की। सभी ने नमाज के बाद देश, दुनिया में अमन, चैन के लिए दुआ मांगी। इससे पहले बुरहानपुर सहित इंदौर, खंडवा, हरदा व अन्य शहरों से जायरीन यहां दरगाह पर जियारत करने पहुंचे। दरगाह पर सैकड़ों लोगों ने चादर चढ़ाई। वहीं शाम 5 बजे से ही मगरिब की नमाज के लिए नमाजी उमड़ने लगे। देर शाम तक दरगाह पर जियारत का दौर चला। शाम 6.15 बजे उतावली नदी तट के किनारों पर 50 हजार से अधिक लोगों ने नमाज पढ़ी। शाही जामा मस्जिद के इमाम इकराम उल्ला बुखारी ने मगरिब की नमाज पढ़ाई।

उर्स में देशभर से आते हैं जायरीन
हजरत शाह निजामुद्दीन भिकारी चिश्ती रेहमतुल्लाह अलैह का रविवार को 537वां उर्स मनाया गया। उतावली तट की नूर बलड़ी पर उन्होंने अंतिम सांसें ली थीं। इस उपलक्ष्य में उर्स का आयोजन होता है और तभी से उतावली नदी में मगरिब की नमाज पढ़ी जाती है। हजरत शाह भिखारी रेहमतुल्लाह अलैह पूरे हिंदुस्तान में भ्रमण कर अंतिम दौर में बुरहानपुर आए थे। उतावली तट पर एकांत में धर्म का प्रचार किया। वे बहुत बड़े सूफी कहलाए। 536 साल पहले उनके उर्स पर मगरिब की नमाज सूखी उतावली में पढ़ने की परंपरा शुरू हुई। उर्स पर देशभर से जायरीन दरगाह पर आते हैं। इस बार उतावली नदी का जल स्तर ज्यादा होने से नदी के पास खाली जगह पर नमाज अदा हुई।
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