कोरबा में भू-विस्थापितों की समस्याओं को लेकर जिलाधीश को सौंपा गया ज्ञापन

कोरबा, 21 दिसंबर । जिले में औद्योगिक परियोजनाओं के कारण विस्थापित हुए किसानों और ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर ‘ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति’ ने आज कोरबा के नवनियुक्त जिलाधीश कुणाल दुदावत से मुलाकात कर एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा। समिति के प्रतिनिधिमंडल ने इस अवसर पर जिले के हजारों भू-विस्थापित परिवारों की कठिन परिस्थितियों से प्रशासन को अवगत कराया।
समिति ने बताया कि जिले में स्थापित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों और विद्युत संयंत्रों के कारण बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों और आदिवासियों को अपनी पैतृक भूमि से विस्थापित होना पड़ा है। विस्थापन के वर्षों बाद भी कई परिवार आज तक रोजगार, पुनर्वास, आवास, बुनियादी सुविधाओं और मुआवजे से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन लंबित मुद्दों के कारण प्रभावित परिवारों में निराशा और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ज्ञापन के माध्यम से समिति ने जिलाधीश से मांग की कि विस्थापन से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए एक विशेष सेल का गठन किया जाए अथवा एक विशेष जनसुनवाई आयोजित की जाए, ताकि पीड़ितों की समस्याओं को सीधे सुना जा सके। इसके साथ ही प्रशासन से यह भी आग्रह किया गया कि संबंधित औद्योगिक प्रबंधन और विद्युत संयंत्रों के साथ समन्वय स्थापित कर भू-विस्थापितों को उनका न्यायोचित हक दिलाया जाए।
समिति के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने जिलाधीश को अवगत कराया कि मूलभूत सुविधाओं और अधिकारों के अभाव में जिले के आदिवासी, पिछड़े वर्ग और विशेषकर युवा वर्ग में भारी असंतोष व्याप्त है। उन्होंने विश्वास जताया कि नए जिलाधीश के कुशल और संवेदनशील नेतृत्व में कोरबा के औद्योगिक विकास के साथ-साथ यहां के मूल निवासियों को भी न्याय और सम्मान मिलेगा।
इस अवसर पर समिति के प्रतिनिधिमंडल में विजयपाल सिंह तंवर, रुद्र दास महंत, अनुसुईया राठौर, संतोष कुमार चौहान, श्रीकांत सोनकर और ललित महिलांगे उपस्थित रहे। सभी ने जिलाधीश को उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि भू-विस्थापितों की समस्याओं का शीघ्र और स्थायी समाधान किया जाएगा।




