Chhattisgarh

कोरबा में जल जीवन मिशन की मुश्किलें, सब इंजी. को SDO का प्रभार, वर्कलोड से हुए बीमार


कोरबा, 06 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन कोरबा में अमले की कमी के कारण मुश्किलों का सामना कर रहा है। इस योजना के तहत मार्च 2024 तक हर घर में शुद्ध जलापूर्ति का लक्ष्य था, लेकिन अब इसे मार्च 2028 तक बढ़ा दिया गया है।


कोरबा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के पास उप अभियंता (सब इंजीनियर) के 12 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में केवल 3 सब इंजीनियर ही कार्यरत हैं। इनमें से एक सब इंजीनियर को एसडीओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जबकि दूसरे सब इंजीनियर का पद रिक्त है। पोंडी ब्लॉक में भी सब इंजीनियर का पद रिक्त है, जिसका अतिरिक्त प्रभार कटघोरा के सब इंजीनियर को दिया गया है।


कोरबा जिले में जल जीवन मिशन के तहत 1094 योजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें से 450 पूर्ण हो चुकी हैं और 400 में जलापूर्ति शुरू हो गई है। हालांकि, 644 योजनाएं अभी भी प्रगतिरत हैं और अमले की कमी के कारण उनकी प्रगति धीमी है।


विभाग की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि एसडीओ का पद रिक्त होने के कारण सब इंजीनियर को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है, जिससे उनका स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है। एक सब इंजीनियर को मेडिकल अवकाश पर जाना पड़ा है, जिससे विभाग की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।


अब विभाग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि एक सब इंजीनियर दो ब्लॉकों की 150 से अधिक योजनाओं का मूल्यांकन कैसे कर सकता है। मल्टीविलेज स्कीम को जोड़ दें तो करीब 400 योजनाओं का मूल्यांकन करना और भी मुश्किल हो जाता है।

पूर्व सीएम श्री बघेल ने गत विधानसभा मानसून सत्र में जल जीवन मिशन के नल कनेक्शन की धीमी प्रगति पर भी सवाल उठाए थे । उन्होंने तय लक्ष्य 49 लाख 98 हजार 249 की पूर्ति में 31 लाख 16 हजार 398 कनेक्शन (घरों )में ही जलापूर्ति शुरू हो पाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने जिलेवार स्वीकृत नल जल कनेक्शन की पूर्ति में जलापूर्ति के धीमी आंकड़ों पर विभागीय मंत्री को घेरा था। उन्होंने सदन में जिलेवार स्वीकृत पूर्ण नलजल कनेक्शन के आंकड़ों को रखते हुए बताया कि था कि कोरबा जिले में 2 लाख नल कनेक्शन के तय लक्ष्य की पूर्ति में 46 हजार कनेक्शन पूरे किए जा सके हैं। उन्होंने मुंगेली,सीएम के गृह जिले जशपुर ,रायगढ़,सरगुजा,सूरजपुर ,कोरिया में भी नल कनेक्शन की धीमी प्रगति पर सवाल उठाए थे।सरकार पर कटाक्ष किए थे।

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