कुख्यात गौ-तस्कर ने छोड़ा अपराध, जशपुर पुलिस की पहल पर खोला “बबलू शंख ढाबा”

0.एसएसपी बने पहले ग्राहक, कम्युनिटी पुलिसिंग की बड़ी सफलता
जशपुर, 05 दिसंबर 2025।
जशपुर पुलिस द्वारा संचालित “ऑपरेशन शंखनाद” का सकारात्मक प्रभाव अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। साईंटांगरटोली का कुख्यात गौ-तस्कर अमजद हजाम उर्फ बबलू (40) अपराध की दुनिया को छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ गया है। पुलिस की लगातार निगरानी और सुधारात्मक पहल के बाद उसने छत्तीसगढ़–झारखंड सीमा पर “बबलू शंख ढाबा” शुरू किया, जिसका उद्घाटन स्वयं एसएसपी शशि मोहन सिंह ने किया। एसएसपी इसके पहले ग्राहक बने और ढाबा में चाय पीकर उसका मूल्य भी अदा किया।
साईंटांगरटोली ग्राम लंबे समय से गौ-तस्करी की गतिविधियों के लिए कुख्यात रहा है। अमजद के विरुद्ध थाना लोदाम में गौ-तस्करी के तीन प्रकरण दर्ज हैं। वह आठ माह से विभिन्न राज्यों में छिपकर पुलिस से बचता फिर रहा था, लेकिन जशपुर पुलिस की कड़ी मॉनिटरिंग और दबाव के चलते उसे अंततः सरेंडर करना पड़ा। जेल से रिहाई के बाद भी उस पर पुलिस की नजर बनी रही।
जेल से छूटने के बाद एसएसपी शशि मोहन सिंह ने अमजद को कार्यालय बुलाकर उसे समझाया कि अपराध का कोई भविष्य नहीं होता और इससे केवल भय, असुरक्षा और जेल ही मिलती है। बातचीत का उस पर गहरा भावनात्मक प्रभाव पड़ा और उसने महसूस किया कि अपराध से परिवार और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है। इसी प्रेरणा से अमजद ने अपराध छोड़कर ईमानदार आजीविका अपनाने का निर्णय लिया।
अमजद ने मुख्य मार्ग पर यात्रियों की आवाजाही वाले क्षेत्र में अपना नया ढाबा शुरू किया। उद्घाटन के दौरान एसएसपी शशि मोहन सिंह ने उसके सकारात्मक निर्णय की सराहना की और कहा कि यदि कोई व्यक्ति अपराध छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहता है, तो जशपुर पुलिस उसके पुनर्वास में हर संभव सहयोग करेगी। कार्यक्रम में ग्रामीण, व्यापारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और पुलिस अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इस पहल को जिले में सामाजिक पुनर्वास और कम्युनिटी पुलिसिंग के सफल मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। अमजद हजाम उर्फ बबलू ने कहा कि अब वह हमेशा के लिए अपराध से दूर रहेगा और अपने परिवार का भरण-पोषण ईमानदारी से करेगा। जशपुर पुलिस का यह प्रयास जिले में सकारात्मक बदलाव और अपराध मुक्त वातावरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।




