पटाखों की जांच के लिए नहीं बनाया कोई दल: ग्रीन श्रेणी के पटाखे ही बेचने के आदेश लेकिन दुकानों पर इनकी संख्या कम है

[ad_1]
बुरहानपुरएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक

दीपावली को लेकर पटाखों का बाजार सज गया है। लेकिन यहां ग्रीन श्रेणी के पटाखांे की संख्या काफी कम है। जबकि जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर ग्रीन श्रेणी के पटाखांे को छोड़ बाकी सभी पटाखों के विक्रय पर प्रतिबंध लगाया है। लेकिन यहां खुलेआम दूसरे पटाखे बेचे जा रहे हैं। दशहरा मैदान में पटाखों की 49 दुकानें लगीं हैं। लेकिन इन पर यहां 70% पटाखे ग्रीन श्रेणी के नहीं हैं।
कलेक्टर प्रवीण सिंह ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के तहत 18 अक्टूबर को पटाखों के विक्रय के लिए आदेश जारी किया है। इसमें साफ लिखा है कि जिले में लाइसेंसधारी पटाखा विक्रेता सिर्फ ग्रीन श्रेणी के पटाखे ही बेच सकते हैं। इसके अलावा किसी भी प्रकार के पटाखों को बेचने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद पटाखा बाजार में खुलेआम बिना ग्रीन श्रेणी के पटाखों का विक्रय चल रहा है। प्रशासन ने आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन इसके पालन के लिए अभी तक दल भी गठित नहीं हुआ है, जो मौके पर जाकर पटाखों की जांच कर सके। ग्रीन श्रेणी के पटाखों से पर्यावरण को नुकसान कम होता है। कम आवाज और कम धुएं वाले पटाखों को ग्रीन यानी इको फ्रेंडली पटाखा माना जाता है। ग्रीन पटाखे देखने, जलने में सामान्य पटाखों की तरह होते हैं। लेकिन इन से प्रदूषण कम होता है। इनमें नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर डाईऑक्साइड की कम मात्रा इस्तेमाल होती है।
पटाखे चलाने के लिए मिलेगा सिर्फ 2 घंटे का समय
दीपावली सहित अन्य त्योहारों पर पटाखे चलाने के लिए समय सीमा का भी निर्धारण किया गया है। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने जारी आदेश में समय सीमा भी दी है। जिले में दीपावली और गुरु पर्व पर रात 8 से 10 बजे तक, छठ के दौरान सुबह 6 से 8 बजे तक, क्रिसमस और नववर्ष पर रात 11.55 से 12.30 बजे तक पटाखे चला सकेंगे।
Source link