किसानों के साथ हादसे: 43% मामलाें में कारण है ट्रैक्टर और थ्रेशर, वजह- सुरक्षा उपकरण की कमी और अज्ञानता

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रतलाम8 मिनट पहले

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प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने वाले सिर्फ 19%, फार्म मशीनरी के लिए भी ट्रेनिंग की जरूरत - Dainik Bhaskar

प्राकृतिक आपदा की चपेट में आने वाले सिर्फ 19%, फार्म मशीनरी के लिए भी ट्रेनिंग की जरूरत

खेत पर सांप का डसना, बिजली गिरना, लू लगने का खतरा हमारे जहन में रहता है… इसे लेकर खेत में जाने से पहले ही सभी अलर्ट भी हो जाते हैं। लेकिन, बता दें इन सभी से ज्यादा खतरनाक है वहां चल रही मशीनरी। तथ्य यह है कि 43% किसानों/मजदूरों की दुर्घटना का कारण बने हैं ट्रैक्टर और थ्रेशर, जिसमें उनकी मौत तक हो गई, जबकि अन्य प्राकृतिक आपदाओं का शिकार 19% लोग हुए।

यह खुलासा सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की रिसर्च में हुआ है। देश के 8 राज्यों के 1703 गांव में रिसर्च के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें दुर्घटना का शिकार कुल 3086 लोग थे, जिसमें 1480 लोग फॉर्म मशीनरी का शिकार हुए। फॉर्म मशीनरी में भी ट्रैक्टर और थ्रेशर ज्यादा खतरनाक है। यह 43% का कारण निकले हैं। कुल 2474 लोगों की दुर्घटना अप्राकृतिक कारणों से हुई। चाफ कटर (चारा-भूसा काटने का यंत्र) से 257 दुर्घटना के मामले मिले। वहीं, प्राकृतिक कारणों से 612 लोग शिकार हुए। इसमें सांप काटने से 126, कुएं में गिरने से 171, बिजली गिरने, लू लगने से 43, एनिमल बाइट, केमिकल से 272 मौत का कारण रहा।

देश में पहली बार हुई रिसर्च, मशीनरी का मैंटेनेंस ना होना भी एक कारण

एग्रीकल्चर मशीनरी में सुरक्षा उपकरणों की कमी मौत या चोट लगने की बड़ी वजह बन रही है। यह कुल दुर्घटना का 17.4% है। अज्ञानता भी कारण सामने आया, जोकि 12.6% दुर्घटना की वजह रहा है। ऑपरेटिंग नॉलेज और ट्रेनिंग की कमी, सेफ्टी रूल्स के बारे में पता नहीं होना, मशीनरी का मैंटेनेंस ना होना भी एक वजह है। सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. अभिजित खाडात्कर की इस रिपोर्ट में रतलाम मेडिकल कॉलेज की कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के डॉ. लोकेंद्र सिंह कोट का भी सपोर्ट रहा।

रिसर्च का फायदा… अब संभलने की जरूरत

ट्रैक्टर और पॉवर ऑपरेटेड उपकरणों की सेल तेजी से बढ़ी है। दुर्घटनाओं के कारण के पीछे डिजाइन, सुरक्षा उपकरणों की कमी, शराब पीकर काम करना, अज्ञानता है। ऐसे में इस तरफ कदम उठाने की जरूरत है। सेफ्टी/अवेयरनेस प्रोग्राम होना चाहिए। सबसे ज्यादा दुर्घटना 30-45 साल के लोगों के बीच मिली, इनमें भी कम पढ़े-लिखे लोग ज्यादा हैं।

1703 गांवों में सर्वे... सबसे ज्यादा मप्र के

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आत्महत्या पर रतलाम मेडिकल कॉलेज कर रहा रिसर्च

किसानों की मौत के कारणों पर रतलाम मेडिकल कॉलेज में भी रिसर्च हो रही है। 2019 से यह रिसर्च शुरू हो गई थी, यह अभी जारी है। इसमें किसानों की आत्महत्या, दुर्घटना आदि के कारण तलाशे जा रहे हैं।

8 राज्यों में सेंटरों की मदद से रिसर्च हुई। फॉर्म मशीनरी के कारण दुर्घटना ज्यादा मिली। सर्वे के लिए प्रोफॉर्मा तय किया था। काउंसलिंग, ट्रेनिंग प्रोग्राम की जरूरत है।’

-डॉ. अभिजित खाडात्कर, सीनियर साइंटिस्ट, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, भोपाल

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