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किसके 300 के दावे में कितना दम है…

-सुनील दास

लोकसभा चुनाव के लिए पांच चरणों का मतदान हो चुका है। अब दो चरणों का ही मतदान होना है। चार सौ से  ज्यादा सीटों पर मतदान हो चुका है यानी जनता ने तय कर दिया है कि वह किसके साथ है। महज 100 से ज्यादा सीटों पर जनता को फैसला करना है कि वह किसके साथ है। 

इस लोकसभा चुनाव की खास बात यह रही कि इस बार चुनाव की तारीखों की घोषणा के पहले ही पीएम मोदी ने पूरे विश्वास से कह दिया था कि वह तीसरी बार भी पीएम बनेंगे। इसके बाद उन्होंने यह भी पूरे भरोसे से कह दिया था कि इस बार भाजपा को 370 सीटें व एनडीए को 400 प्लस सीटें मिलेंगी। यह मोदी की जीत की ऐसी रणनीति थी जिसमें वह चुनाव के पहले ही देश के लोगों को यह संदेश देने में सफल रहे कि इस चुनाव में जीत तो भाजपा रही है। विपक्ष हार रहा है। इसमें यह मैसेज जनता के लिए था कि वह अपना वोट भाजपा को दें क्योंकि जीत तो भाजपा रही है, अपना वोट कांग्रेस को देने का मतलब अपना वोट खराब करना है।

इसमें मोदी व भाजपा काफी हद सफल रहे। देश में निचले स्तर तक यह संदेश चला गया कि जीत तो भाजपा रही है। बहुमत तो भाजपा को मिलना तय है।भाजपा का अपने नेताओ व कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए प्रेरित किया कि जीत तो हम रहे है, लेकिन सबको इस जीत को ऐतिहासिक बनाने का प्रयास करना चाहिए। यानी भाजपा को ३७० के लिए प्रयास करना चाहिए और एनडीए को 400 प्लस के लिए प्रयास करना चाहिए। यह थी पीएम मोदी की लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति।

पीएम मोदी अपनी सभा में जनता से यह नारा लगवा कर कि अब बार चार सौ पार जनता को भरोसा दिलाते थे कि हम चार सौ पार कर रहे हैं, जनता इस पर भरोसा कर भाजपा को वोट देती है तो यह को भाजपा के लिए फायदे की बात है। आधा काम हम जीत रहे हैं का भरोसा पीएम मोदी देश को दिलाते हैं और बचा हुआ शेष काम अमित शाह हर चरण के मतदान मे भाजपा कितन सीटे जीत चुकी है बताकर पूरा कर देते हैं।

मतदान के पहले सभा में पीएम मोदी कहते हैं कि हम जीत रहे हैं। मतदान  के बाद अमित शाह बताते हैं कि हम कितनी सीटें जीत चुके हैं। चौथ चरण में शाह ने बता दिया था कि भाजपा को बहुमत मिल चुका है और पांचवें चरण में भाजपा 300 से ज्यादा सीटें जीत चुकी हैं।कांग्रेस, राहुल गांधी, खरगे, विपक्ष के नेता पीएम मोदी की इर रणऩीति को तब समझ पाए जब बाजी उनके हाथ से निकल चुकी है। यानी पांच चरण के चुनाव हो चुके हैं। 

अब जाकर केजरीवाल,एम.खरगे, ममता आदि कह रहे हैं कि विपक्षी गठबंधन को तीन सौ से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। सरकार इंडी गठबंधन की बन रही है। कांग्रेस व विपक्षी दलों के नेताओं को तीन सौ से ज्यादा सीटें जीतने का दावा तो तब करना था जब पीएम मोदी ने ३७० व ४०० प्लस की बात पहली बार कही थी. तब विपक्ष इसी बात में उलझा रहा कि भाजपा ३७० कैसे पा सकती है, नहीं ला सकती, संभव नहीं है। चार सौ प्लस एनडीए नहीं ला सकता। संभव नहीं है।

पीएम मोदी व भाजपा ने कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को इसी में उलझा दिया कि भाजपा कैसे कह रही है कि उसे 370 और एनडीए को 400 प्लस सीटें मिल रही हैं। इसके बाद राहुल गांधी आदि सब यह बताने लग गए कि भाजपा को कितनी कम सीटें मिल रही हैं लेकिन अब इसका कोई असर नहीं होना था क्योंकि नीचे तक तो भाजपा का संदेश चला गया था कि भाजपी जीत रही है। 

पांचवं चरण के मतदान के बाद कांग्रेस व विपक्ष को पता चला कि पीएम मोदी व भाजपा की चुनाव जीतने की रणनीति के कारण विपक्ष को नुकसान हो चुका है तो वह छठे व सातवें चरण के मतदान में नुकसान से बचने के लिए कह रहे है कि विपक्षी गठबधन को तीन सौ से ज्यादा सीटें मिल रही हैं। विपक्ष को पीेएम मोदी की चुनाव जीतने की रणनीति के कारण जितना नुकसानहो होना था वह  तो हो चुका है।

उसकी भरपाई अब विपक्ष कुछ भी कर ले हो नहीं सकती।अमित शाह तो कह चुके हैं कि भाजपा तीन सौ से ज्यादा सीटें जीत चुकी है, प्रशांत किशोर जैसा चुनावी रणनीतिकार भी मान रहा है कि भाजपा को तीन सौ से ज्यादा सीटें इस चुनाव में मिलेंगी तो यह एक तरह से शाह की बात की पुष्टि की तरह है। यानी अमित शाह व प्रशांत किशोर जो कह रहे है,उसमें दम लगता है, कांग्रेस अध्यक्ष एम खरगे व केजरीवाल जो कह रहे है, उसमें कोई दम नहीं है

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