काम में अड़चन: रेलवे से अनुमति के फेर में भूतेश्वर का लीकेज नहीं सुधर पा रहा, नई लाइन से होगी सप्लाई

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सागर31 मिनट पहले

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भूतेश्वर मंदिर रोड स्थित रेलवे फाटक पर रेलवे लाइन के नीचे लीकेज से भर रहा पानी। - Dainik Bhaskar

भूतेश्वर मंदिर रोड स्थित रेलवे फाटक पर रेलवे लाइन के नीचे लीकेज से भर रहा पानी।

शहर के बीच से निकली रेलवे लाइन से न सिर्फ रेलवे फाटक बंद रहने पर लोगों को खड़ा रहना पड़ता है। बल्कि रेलवे लाइन के आसपास के क्षेत्र में काम भी प्रभावित होते हैं। रेल ट्रैफिक एवं अन्य मापदंडों को ध्यान में रखते हुए रेलवे की अनुमति प्रक्रिया भी इतनी जटिल है कि अनुमति लेने में ही लंबा समय लग जाता है। यही वजह है कि शहर में सीवरलाइन का प्रोजेक्ट बीते 6 साल से चल रहा है। 90 फीसदी हिस्से में सीवरलाइन भी बिछाई जा चुकी है लेकिन यह तब तक पूरा नहीं हो सकता, जब तक रेलवे लाइन के नीचे से सीवरलाइन नहीं डाली जाएगी।

6 साल में अब जाकर रेलवे लाइन के नीचे से सीवरलाइन डालने की अनुमति मिली है। वैली क्रॉसिंग के पैसे जमा करने के बाद सीवरलाइन का काम राहतगढ़ बस स्टैंड रेलवे फाटक के पास अब मेन्युअली शुरू हो पाया है। बीते 3 माह से भूतेश्वर रेलवे क्रॉसिंग के पास राजघाट पाइप लाइन डेमेज होने के कारण लीकेज हो गया है। पानी ट्रैक किनारे बिल्कुल पटरियों से लगकर बहता रहता है लेकिन इसे सुधारा नहीं जा पा रहा है। इसकी वजह है कि रेलवे लाइन के नीचे से निकली पाइपलाइन 20 साल से भी ज्यादा पुरानी हो गई है।

इसका लीकेज लाइन बदले बिना पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता। ट्रेनों के ट्रैफिक के चलते रेलवे से आसानी से अनुमति भी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में एक रास्ता निगम द्वारा यह निकाला गया है कि भूतेश्वर मंदिर से लेकर संत रविदास वार्ड सहित आसपास के जिस एरिया में इस लाइन और करीला की पानी की टंकी से पेयजल सप्लाई होती है, उसे पानी अब इस लाइन की जगह विट्ठलनगर की पानी की टंकी से दिया जाए। इसके लिए नई लाइन भी लगभग बिछाई जा चुकी है। 7 दिन में यह लाइन पूरी तरह से जोड़कर यहीं से पानी सप्लाई करने का दावा निगम के द्वारा किया जा रहा है।

निगम और रेलवे के अफसरों ने देखी साइट
नगर निगम के इंजीनियर, राजघाट बांध जल सप्लाई के अमले और रेलवे के इंजीनियर और अन्य स्टाफ ने भूतेश्वर रेलवे क्रॉसिंग के पास स्थिति देखी। इसके बाद निगम के अफसरों ने बताया कि नई पाइपलाइन डालने पर ही लीकेज की इस समस्या का स्थाई हल होगा। तय हुआ कि यहां से जो पेयजल सप्लाई की जा रही है, वह जरूरत के मुताबिक ही की जाएगी। ताकि व्यर्थ पानी रेलवे ट्रैक पर न बहे। रेलवे लाइन के पास ही टर्न पर जो लीकेज है, उसे भी बंद करने की बात कही गई है। यहां से भी अधिकांश समय पानी बहता रहता था। 7 दिन में विट्ठलनगर पानी टंकी से करीला टंकी के लिए पानी की सप्लाई की जाने लगेगी।

अफसर बोले- वैकल्पिक लाइन ही एकमात्र रास्ता
रेलवे के सहायक मंडल इंजीनियर प्रमोद गुप्ता ने बताया कि निगम द्वारा दूसरी टंकी से करीला की टंकी में 7 दिन में सप्लाई शुरू करने की बात कही गई है। भूतेश्वर के पास रेलवे लाइन के नीचे नई लाइन बिछाने की अनुमति मिलना तुरंत संभव नहीं है। नगर निगम के ईई विजय दुबे ने बताया कि ने बताया हम विट्ठलनगर टंकी से करीला टंकी की सप्लाई की योजना पर काम कर रहे हैं। यह जल्दी ही पूरा हो जाएगा। अभी एकमात्र रास्ता यही है। इसके साथ ही भूतेश्वर के पास नई लाइन डालने की स्वीकृति के लिए भी रेलवे से प्रक्रिया चल रही है।

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