Chhattisgarh

कामदा एकादशी से मनोवांछित फल की प्राप्ति – राजेश्री महन्त

नव संवत्सर 2082 के प्रथम एकादशी (कामदा एकादशी) के पावन अवसर पर श्री स्वामी बालाजी भगवान पुरानी बस्ती अभनपुर में श्री दूधाधारी मठ के बाड़ा स्थित अत्यंत प्राचीन श्री स्वामी बालाजी भगवान के दरबार में विशेष पूजा अर्चना श्री दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने अभनपुर पहुंच कर संपन्न किया‌।

पूजा अर्चना के पश्चात उपस्थित भक्तों को प्रसाद में फल एवं मिष्ठान वितरण किया गया। श्री बालाजी कीर्तन मंडली की माताओं ने भजन कीर्तन के माध्यम से भगवान की स्तुति गान की। ये सभी प्रत्येक दिवस यहां भगवान के भजन कीर्तन के लिए उपस्थित होती हैं। एकादशी व्रत के संदर्भ में अपने संदेश में राजेश्री महन्त महाराज ने कहा कि- कलयुग में एकादशी का व्रत मानव कल्याण के लिए सर्वोत्तम साधन है। प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष एवं कृष्ण पक्ष मिलाकर दो एकादशी व्रत का विधान है। जो भी श्रद्धालु भक्तजन इसे श्रद्धा भक्ति पूर्वक पूरी आस्था के साथ नियम से धारण करते हैं, भगवान श्री हरी और माता लक्ष्मी की उन पर विशेष कृपा होती है।

कामदा एकादशी को नियम पूर्वक पूर्ण करने वाले साधकों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। उल्लेखनीय है कि एकादशी व्रत को धारण करने वालों को एकादशी के दिन अन्न ग्रहण नहीं करनी चाहिए इसके स्थान पर ऋतु फल, दूध, दही, छांछ, शरबत आदि का सेवन करना चाहिए। भगवान श्री हरि एवं माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना कर हो सके तो रात्रि जागरण करके भगवान का भजन कीर्तन करना चाहिए। द्वादशी को सुबह स्नान आदि से निवृत होकर भगवान की पूजा अर्चना कर पारण करना चाहिए।


इस अवसर पर श्री बालाजी कीर्तन मंडली की सदस्य मातायें, पुरुष वर्ग एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित थे। विशेष रूप से पुजारी राम पाण्डेय, मुरारी दास वैष्णव, शरण साहू, रमेश वैष्णव, सुंदर सिंह, लक्ष्मण साहू, अनसुईया बाई, गंजू बाई, शैली, सरिता, जानकी, चमेली, केवरा साहू, ग्वालीन यादव, कौशल्या, हेमलता, अंशु, अन्नपूर्णा तथा रामप्रसाद, रामप्रिय,हर्ष दुबे जनकू साहू, राकेश साहू आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।

Related Articles

Back to top button