काउंसिल के बिखरे दफ्तर एक जगह होंगे शुरू: एम्स के पास नर्सिंग, पैरामेडिकल और मेडिकल काउंसिल का बनेगा ज्वाइंट ऑफिस

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भोपाल2 घंटे पहले

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मप्र के चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित मप्र मेडिकल काउंसिल, पैरामेडिकल कांउसिल और नर्सिंग काउंसिल के अलग-अलग जगहों पर संचालित दफ्तरों को एक बिल्डिंग में शुरु किया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आज अफसरों के साथ बैठक कर ज्वाइंट काउंसिल कॉम्प्लेक्स बनाने को लेकर मीटिंग की। सारंग ने कहा एक कैम्पस में सभी काउंसिल के कार्यालय संचालित होने से निगरानी आसान होगी और डॉक्टरों के साथ इनसे संबंधित छात्रों और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के काम भी आसानी से हो सकेंगे।
अभी ऐसे संचालित हो रहे कांउसिल के दफ्तर
मेडिकल काउंसिल
– मप्र मेडिकल काउंसिल का दफ्तर अभी बोर्ड ऑफिस के पास सांची कॉम्प्लेक्स की बिल्डिंग में संचालित है। यहां कभी – कभार डीएमई और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त कामकाज देखने और बैठकों के के लिए आते हैं। ज्यादातर बैठकें डीएमई के ऑफिस में ही होती हैं।
नर्सिंग काउंसिल- जवाहर चौक के पास 12 दफ्तर के समीप नर्सिंग काउंसिल संचालित है। बीते कुछ सालों से नर्सिंग काउंसिल कई प्रकार के विवादों में घिरा हुआ है। इसकी वजह है इस दफ्तर में डीएमई के अधिकारियों की नियमित निगरानी न होना।
पैरामेडिकल कांउसिल- माता मंदिर के पास प्लेटिनम प्लाजा में यह दफ्तर संचालित है। इस काउंसिल की रजिस्ट्रार भी अधिकांश समय दूसरे शहर से दफ्तर आतीं-जातीं हैं ऐसे में अपने काम के लिए आए पैरामेडिकल स्टूडेंट्स परेशान होते रहते हैं।

मॉनिटरिंग होगी आसान
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन इन काउंसिल के अध्यक्ष चिकित्सा शिक्षा आयुक्त होते हैं लेकिन इन काउंसिल के दफ्तर अलग-अलग जगहों पर संचालित होने की वजह से निगरानी करने के लिए अफसर कभी-कभार ही यहां आते हैं। इन काउंसिल की अधिकांश बैठकें सतपुड़ा भवन या मंत्रालय में होतीं हैं। लेकिन अब एक बिल्डिंग में इनके दफ्तर शुरु होने मॉनीटरिंग आसान होगी।
एम्स के पास है विभाग की जमीन
एम्स के पास चिकित्सा शिक्षा विभाग की जमीन पर काउंसिल कॉम्प्लेक्स के निर्माण को जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। सारंग ने इस संबंध में विभागीय अधिकारी और भवन विकास निगम के अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये। मंत्री श्री सारंग ने कहा कि इस परिसर में काउंसिल के भवन के साथ ही विद्यार्थियों के लिये कार्यक्रम के लिये एक ऑडिटोरियम बनाया जाये, जिसमें मीटिंग भी हो सके।
अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, भवन विकास निगम के एमडी शशांक मिश्रा, चिकित्सा शिक्षा संचालक जितेन शुक्ला और तीनों काउंसिल के रजिस्ट्रार मौजूद थे।

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