कवि सम्मेलन: कुमार संभव ने कहा- तुलसी की मंजरी और कमल राम हैं, शिवालय की घंटी के स्वर राम हैं

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- Kumar Sambhav Said Tulsi’s Manjari And Lotus Are Ram, The Tone Of The Pagoda Bell Is Ram.
देवासएक घंटा पहले
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कवि पढ़ते हुए जगदीश सेन।
तुलसी की मंजरी और कमल राम है। शिवालय की घंटी के स्वर राम है। मैथिली के प्रिये, करुणा निधान है। राम मेरे भारत का संविधान हैं। विजयनगर में शरद पूर्णिमा की रात्रि, सोलह कलाओं से युक्त चंद्र रोशनी के मध्य खरगोन से आए युवा गीतकार कुमार संभव ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श चरित्र पर आधारित यह गीत पढ़ा ताे संपूर्ण क्षेत्र तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कवि सम्मेलन के मुख्य अतिथि विक्रम सिंह पवार ने खड़े होकर कुमार के गीत की सराहना की। मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष रायसिंह सैंधव एवं वार्ड 10, विजयनगर के वरिष्ठ जनों द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन, माल्यार्पण से कवि सम्मेलन प्रारंभ हुआ।
सूत्रधार ऋतुराज गुर्जर, शाजापुर के हास्य-व्यंग्य, ओज से परिपूर्ण उत्कृष्ट संचालन में भोपाल से आई कवियित्री नम्रता नमिता द्वारा प्रस्तुत सरस्वती की वंदना से कवि सम्मेलन प्रारंभ हुअा। उज्जैन के कवि विजय गोपी ने हास्य एवं चुटीले व्यंग्यों से काव्य रसिकों को खूब गुदगुदाया। बड़ी सादडी, प्रतापगढ़-राजस्थान से आए राणा राजस्थानी ने हास्य व्यंग्य के साथ मेवाड़ की शौर्य भूमि पर पन्नाधाय द्वारा अपने बेटे चंदन के बलिदान एवं आजकल देश में बढ़ते लव जेहाद, दुष्कर्म की घटनाओं पर आधारित बेटियों के लिए शिक्षाप्रद कविताएं पढ़ी।
कवि व लाफ्टर कलाकार सुरेंद्र सर्किट के चुटीले एवं संदेशप्रद हास्य-व्यंग्य के साथ नम्रता नमिता ने शृंगार की गीत गजलों से वातावरण को सरसता प्रदान की। राष्ट्रवादी गीतकार जगदीश सेन, देवास ने अतीत की भूलों के साथ वर्तमान की परिस्थितियों को गाते, भविष्य को संवारने की दिशा प्रदान की। आभार साहित्य अनुरागी त्रिभुवन शर्मा ने व्यक्त किया।
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