कबड्डी में डिंडोरी बनी विजेता: एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिता शुरू, 13 स्कूलों से 688 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Shahdol
  • Divisional Level Sports Competition Of Eklavya Model Residential Schools Started, 688 Players From 13 Schools Took Part

शहडोल7 घंटे पहले

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों की संभाग स्तरीय दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता 29 व 30 सितंबर को महात्मा गांधी स्टेडियम शहडोल में आयोजित हो रही है। जिसमें कबड्डी, वॉलीबॉल, फुटबॉल, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, कुश्ती, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन, दौड़, शतरंज, खो-खो, हॉकी, ताइकांडो व योगा सहित अन्य लगभग 20 खेलों का आयोजन होगा।

इस खेल प्रतियोगिता में उमरिया, अनूपपुर, डिंडोरी, सतना, शहडोल, सीधी व सिंगरौली के 13 विद्यालयों के 688 खिलाड़ी प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। जिसमें अलग-अलग खेलों के लिए मैच संयोजक नियुक्त किए गए हैं। चल रहे 2 दिवसीय प्रतियोगिता का शुभारंभ आज सुबह कमिश्नर राजीव शर्मा ने किया। इस मौके पर एडीजीपी दिनेश चंद्र सागर भी उपस्थित रहे। उन्होंने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर, उन्हें खेल के प्रति प्रेरित किया।

आज पहले दिन कई खेल हुए हैं। जिनका फाइनल मुकाबला कल देखने को मिलेगा। वहीं आज शाम को बालिकाओं अंडर-19 का कबड्डी मैच का फाइनल मुकाबला हुआ। जिसमें शहडोल और डिंडोरी की टीम आपस में भिड़ी। मैच में डिंडोरी की टीम ने जीत हासिल कर विजेता बन चुकी है। शहडोल यह मैच हारकर उपविजेता रही।

कमिश्नर ने बच्चों को समझाइश देते हुए सीख दी कि, खाने की गुणवत्ता से समझौता न करें, बल्कि इसकी जानकारी वरिष्ठों को दें। शिक्षकों का दायित्व है कि, वे बच्चों को अच्छी शिक्षा व भोजन का अधिकार दें। शिक्षकों को छात्रों के हल्के बस्ते करने पर धन्यवाद देते हुए कहा, अपने लालच को नियंत्रित कर अच्छा कार्य करने की आदत डालें।

अधीक्षकों को कहा कि, वह छात्रों को अच्छा खाना व वातावरण देने साथ ही अच्छी पढ़ाई व शिक्षा देकर उनके भविष्य को संवारने का कार्य करें। जिससे वे अपने माता-पिता सहित देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सकें। कमिश्नर ने बच्चों को खूब खेलों, खूब खाओ, और खूब पढ़ो का मंत्र भी दिया।

कमिश्नर ने कहा कि, भारत के जनजातीय लोग विदेशियों के समक्ष कभी भी न तो हारे, न झुके। क्रीडा स्पर्धा के प्रतिभागी कभी हार और निराशा को मन में न आने दें। हार को रानी दुर्गावती और रानी लक्ष्मीबाई ने भी कभी स्वीकार नहीं किया। बल्कि, अपने प्राणों की आहुति तक दें डाली, उनसे सीख लेनी चाहिए।

एडीजीपी दिनेश चंद्र सागर ने कहा कि, बच्चों को क्रीड़ाओं के लक्ष्य दिए जाने चाहिए। खेल में लाने से पूर्व उनका स्वास्थ्य परीक्षण जरूर कराकर लाना चाहिए व खेलों के अनुरूप उन्हें आहार भी उपलब्ध कराना चाहिए। उन्होंने खेल प्रतिभागियों से मूंग की दाल और चना आहार में लेने की जानकारी भी ली।

उप विजेताओं का हौसला अफजाई करते हुए कहा कि, कभी भी निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि खेल से हुई चूक को सुधार कर भविष्य में अच्छी तैयारी कर खेल के मैदान में उतरना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ी प्रतिभागियों को खेल के टिप्स भी सिखाएं व टीम भावना से खेल खेलने की शिक्षा भी दी।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button