कथा में शिवरीनारायण के महाराज जी एक दिन अवश्य आते हैं -प्रदीप मिश्रा

पारिजात का दुर्लभ पुष्प व्यास पीठ पर अर्पित किया महन्त जी ने लोकमान्यता है कि महाभारत काल में अर्जुन ने स्वर्ग से ला कर यह वृक्ष पृथ्वी लोक पर स्थापित किया था
दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज जिला दुर्ग के ग्राम निकुम में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा में सम्मिलित हुए। व्यास पीठ पर विराजित अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक आचार्य प्रदीप मिश्रा जी महाराज ने लोगों को शिव महापुराण की कथा सुनते हुए कहा कि- हमारे बीच में शिवरीनारायण के महाराज जी का पदार्पण हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य के किसी भी स्थान पर जब हमारी श्री शिव महापुराण की कथा होती है उसमें महाराज जी एक न एक दिन आवश्यक पधारते हैं।

उन्होंने राजेश्री महन्त जी महाराज को मंच पर आमंत्रित किया महाराज जी ने शाल, श्रीफल के साथ आचार्य जी को पारिजात पुष्प भेंट किया जिसे उन्होंने श्री शिव महापुराण के व्यास पीठ पर चढ़ाया। उल्लेखनीय है कि लोकमान्यता के अनुसार पारिजात के वृक्ष को स्वर्ग से लाया हुआ वृक्ष माना जाता है उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पारिजात धाम है यहां पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ समय व्यतीत किया था।

माता कुंती ने यहां कुंन्तेश्वर महादेव की स्थापना की उन्होंने भगवान शिव की पूजा के लिए पारिजात पुष्प की कामना की तब अर्जुन ने स्वर्ग से यह वृक्ष लाकर उन्हें प्रदान किया। यह दुर्लभ वृक्ष श्री दूधाधारी मठ में भी स्थित है। राजेश्री महन्त जी महाराज के साथ श्री शिव महापुराण की कथा का रसपान करने के लिए सुरेश शर्मा, निर्मल दास वैष्णव, हर्ष दुबे विशेष रूप से उपस्थित हुए।