कत्ल का सीन देख कातिल बना आरोपी जेल दाखिल

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
कबीरधाम – विगत आठ साल पुराने डॉक्टर दंपत्ति की हत्याकांड का पर्दाफाश करने में कबीरधाम पुलिस को आखिरकार सफलता हासिल हुई। कत्ल का सीन देखकर खुद कातिल बनने के आरोपी को कवर्धा पुलिस ने विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया , जहां से उसे न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया।
इस दोहरे हत्याकाण्ड का खुलासा करते हुये पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (आईपीएस) ने बताया विगत वर्ष 06 अप्रैल 2017 को शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. गणेश सूर्यवंशी एवं उनकी पत्नी डॉ. उषा सूर्यवंशी का शव उनके निवास के आंगन में रक्तरंजित अवस्था में मिला था। अपराध क्रमांक 80/2017 धारा 302 भादवि की प्रारंभिक जांच में यह दोहरा हत्याकांड प्रतीत हुआ , किंतु किसी ठोस सुराग के अभाव में मामला अंधकार में चला गया।

राजनांदगांव रेंज के पुलिस महानिरीक्षक महोदय अभिषेक शांडिल्य (आईपीएस) के निर्देशन में कबीरधाम जिले में वर्षों से लंबित व अंधे हत्याकांडों की गहन समीक्षा जारी थी। इसी दिशा में पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (आईपीएस) ने डॉक्टर दंपति की रहस्यमयी हत्या को सर्वोच्च प्राथमिकता पर लिया और स्वयं पूरे प्रकरण की निगरानी की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र बघेल एवं पंकज पटेल के समन्वय में तथा एसडीओपी बोड़ला अखिलेश कौशिक एवं एसडीओपी कवर्धा कृष्णा कुमार चंद्राकर के पर्यवेक्षण में एक विशेष जांच टीम गठित की गई। पुनः विवेचना के दौरान यह तथ्य सामने आया कि आरोपी सत्यप्रकाश साहू पूर्व में डॉक्टर दंपति का ड्राइवर रह चुका था और उसने डॉक्टर को लगभग 1.80 लाख रुपये उधार दिये थे। कुछ दिन पूर्व ही थाना कवर्धा में एक व्यक्ति द्वारा उसके विरुद्ध ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई गई थी , जिससे वह पुलिस पूछताछ के डर से गंडई भाग गया था। पैसों की तंगी से जूझता आरोपी गंडई से कवर्धा लौटा और डॉक्टर से उधार की राशि मांगने गया। उसी दौरान वह उनके घरेलू झगड़े का साक्षी बन गया , जो कि पूर्व में भी कई बार पड़ोसियों द्वारा देखी-सुनी गई थी।
बयान के अनुसार विवाद इतना बढ़ा कि डॉक्टर ने दरवाजा रोकने वाले भारी पत्थर से अपनी पत्नी के सिर पर वार कर दिया। पत्नी ने भी जवाबी हमले में छोटे पत्थर से डॉक्टर पर प्रहार किया लेकिन घायल पत्नी जब जमीन पर गिरी , तो डॉक्टर ने फिर से वार कर उसकी हत्या कर दी। यह सब देखकर सत्यप्रकाश घबरा गया , उसे डर हुआ कि डॉक्टर उसे भी मार सकता है। इसी भयवश उसने डॉक्टर को धक्का देकर गिराया और फिर पत्थर से वार कर उसकी भी हत्या कर दी। हत्या के पश्चात आरोपी ने कमरे में फैले खून के धब्बे साफ किया , शवों को आंगन तक खींचकर रखा और रात भर प्रतीक्षा करता रहा। सुबह लगभग पांच बजे वह जेवदन रोड की ओर से निकलकर बस से दुर्ग चला गया। जाते समय डॉक्टर का एक मोबाईल अपने साथ ले गया , जिसे गंडई में 1900 रुपये में गिरवी रखा। इसके बाद 05 अप्रैल को वह पुनः कवर्धा लौटा और डॉक्टर के घर के बाहर जाकर देखा कि अभी भी घटना के बारे में किसी को पता नहीं चला है। दूसरे दिन 06 अप्रैल को जब पुलिस को घटना की जानकारी मिली , तब भी आरोपी मौके पर पहुंचा था और भीड़ में शामिल होकर परिस्थिति का जायजा ले रहा था।कबीरधाम पुलिस द्वारा पुनः वैज्ञानिक आधारों पर साक्ष्यों का विश्लेषण किया गया जिसमें संदेह के रूप में सत्यप्रकाश का नाम सामने आया। जिसके आधार पर चौदह घंटे की गहन मनोवैज्ञानिक पूछताछ करने के पश्चात अंततः आरोपी ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। धारा सदर अपराध सबूत पाये जाने से कवर्धा पुलिस ने आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया , जहां से उसे न्यायिक रिमाण्ड पर जेल भेज दिया गया। यह प्रकरण जिले का सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण दोहरा हत्याकांड था जिसे कबीरधाम पुलिस ने तकनीकी दक्षता , वैज्ञानिक विवेचना एवं मानसिक धैर्य से सुलझाया। मामले के खुलासे में महत्वपूर्ण सुराग देने अथवा आरोपी की गिरफ्तारी में सहयोग हेतु पुलिस महानिरीक्षक अभिषेक शांडिल्य (आईपीएस) द्वारा तीस हजार रुपये एवं पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह (आईपीएस) द्वारा दस हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी। उक्त मामले को निकाल करने में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक लालजी सिन्हा , साइबर प्रभारी निरीक्षक मनीष मिश्रा , उप निरीक्षक संतोष ठाकुर , एएसआई बंदे सिंह मरावी , चंद्रकांत तिवारी , प्रधान आरक्षक वैभव कल्चुरी , चुम्मन साहू , आरक्षक लेखा चंद्रवंशी , अमित सिंह , गज्जू सिंह , धर्मेन्द्र मरावी के साथ – साथ थाना कोतवाली और सायबर के टीम का विशेष योगदान रहा।
गिरफ्तार आरोपी –
सत्यप्रकाश साहू उम्र 35 वर्ष निवासी – रामनगर , थाना – कवर्धा , जिला – कबीरधाम (छत्तीसगढ़)।