कचरे से प्रोडक्ट बनाने का कोर्स: मप्र में 5 लाख को देंगे ट्रेनिंग, बालों से बनी खाद की विदेशों में डिमांड बढ़ी; यूके और दुबई से भी मिले ऑर्डर

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भोपाल12 मिनट पहलेलेखक: मनीष व्यास
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राजधानी में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कोर्स शुरू, मप्र में यह प्रयोग करने के बाद पूरे देश में इस काेर्स के तहत लोगों को देंगे ट्रेनिंग
कचरे से उत्पाद कैसे बनाएं… इसके लिए भोपाल जिले में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कोर्स शुरू किया गया है। इसके तहत कचरे के मैनेजमेंट से जुड़े करीब 3000 लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है। यह कोर्स एक महीने से 6 महीने तक के हैं। इसके लिए मप्र के करीब 5 लाख लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
मप्र में यह प्रयोग करने के बाद पूरे देश में कचरा के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों को नगरीय विकाय व ग्राम पंचायत स्तर पर ट्रेंड किया जाएगा। यह कोर्स दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्री (डिक्की) व राज्य सरकार के सहयोग से शुरू किया जाएगा। ऐसे समुदाय को डिक्की ने ‘टारगेट ग्रुप’ नाम दिया है। डिक्की के अध्यक्ष अनिल सिरवैया ने बताया कि इस तरह से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएंगे।
मार्केटिंग कैसे करें, यह सिखाएंगे
ट्रेनिंग के दौरान कचरे से उत्पाद बनाने वाली बड़ी कंपनियों और इंटरप्रेन्योर से भी प्रशिक्षु को रूबरू कराया जाएगा। ताकि वे वेस्ट प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी सीख सके। इसके बाद उन्हें प्रोडक्ट बेचने से लेकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम होगा।
1 से 6 महीने का रहेगा कोर्स
- 313 फैसिलिटी सेंटरों पर वेस्ट मैनेजमेंट काेर्स पढ़ाया जाएगा, इसके लिए फैकल्टी, ट्रेनिंग व तकनीकी टीमें होंगी।
- कचरे से प्रोडक्ट बनाने की ट्रेनिंग देंगे। ताकि वे इससे खुद प्रोडक्ट बनाएंगे।
- कचरे से उत्पाद बनाने वाली बड़ी कंपनियों व इंटरप्रेन्योर से भी रूबरू कराया जाएगा, ताकि वे वेस्ट प्रोडक्ट की मार्केटिंग सीख सकें।
यह सिखा रहे
इस याेजना पर काम करने वाले वेस्ट मैनेजमेंट विशेषज्ञ इम्तियाज अली ने बताया कि वेस्ट से खासतौर से टेबल-कुर्सी, टाइल्स, घड़ी, डस्टबिन खाद्य सामग्री की पैकेजिंग आइटम बनेंगे। इसके अलावा बालों से खाद बनेगी जो विदेशों में जाएगी। इस खाद के लिए यूके, दुबई व मस्कट की कंपनियों से ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं। कचरे में से ठोस, तरल और ई वेस्ट कैसे अलग किया जाए, यह भी सिखाया जा रहा है।
शुरूआत हो चुकीएमपी… सहित 8 राज्यों में कवायद शुरू
अब तक इस योजना को लेकर एमपी सहित 8 राज्यों में कवायद शुरू कर दी गई है। राजस्थान, यूपी, उत्तराखंड, जूम्मू-कश्मीर, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र में फैकल्टी, फैसिलिटी सेंटर, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रिसोर्स मटेरियल और औद्योगिक भ्रमण स्थल को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है।
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