उस मां का दर्द, जिसकी बेटी की मौत बनी रहस्य: बेटी ने हाथ लहराकर कमबैक का इशारा दिया पर नहीं लौटी…

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इंदौर20 मिनट पहले
11 साल की बेटी और 4 साल के बेटे को गरबा देखने ले गई उस मां का दर्द, जिसने अपनी ही गोद में बेटी को गोली लगते देखी…
मेरी बेटी मुझसे बातें कर रही थीं। पांच मिनट बाद फट् से आवाज आई। देखा तो बेटी के सिर पर खून का फव्वारा निकला। …और वह मेरी गोद में गिर पड़ी। मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मेरी आवाज सुनकर एक भैया आए। उन्होंने माही को हाथ में उठाया। मैं चार साल के बेटे को गोद में उठाकर पति को बुलाने घर की ओर भागी। बदहवास हो चुकी थी। मैं अपने घर का रास्ता ही भूल गई। जैसे-तैसे घर पहुंची। यहां पति को बेटी के बारे में बताया। पति ने दुकान का शटर गिरा दिया। वहां से हम दोनों गरबा पंडाल की ओर दौड़े। तब तक वहां खड़े लोग बेटी को गाड़ी से लेकर बारोड़ अस्पताल पहुंच गए थे। यहां पहुंचते ही अस्पताल वालों ने क्लीयर कह दिया कि बच्ची बहुत सीरियस है। हमारे पास वेंटीलेटर नहीं है। हमने तुरंत एंबुलेस अरेंज की। बेटी को ऑक्सीजन लगाकर एंबुलेस में राजश्री अस्पताल ले गए। बेटी खून से लथपथ गाड़ी में पड़ी थी। उसके मुंह से उ… उ… की आवाज आ रही थी। वह हिलडुल नहीं रही थी। आंखें नहीं खोल रही थी। बार-बार उसके सीने पर हाथ रखकर सांसें चलती देख रहे थे। इस बीच कुछ देर में राजश्री अस्पताल पहुंचे। यहां हमसे 10 हजार रुपए जमा करवाए। इसके बाद बेटी का इलाज शुरू किया। उसे ऑक्सीजन लगाया।
सिटी स्कैन के लिये ले गए तो हाथ हिलाकर बाय-बाय किया
मां बोली रात करीब साढ़े ग्यारह बजे उसे सिटी स्कैन के लिये ले गए। वह स्ट्रेचर पर लेटी थी। हमने बात करने की कोशिश की। लेकिन वह रिस्पांस नहीं कर रही थी। …उसने हाथ उठाकर बस बाय-बाय का इशारा किया। बस वही मेरी बेटी का आखिरी इशारा था। अब हम केवल उसकी यादों के सहारे रहेंगे सिटी स्कैन से लाए तो कहा, सिर में मेटल जैसा कुछ धंसा है।
सिटी स्कैन करने के बाद डॉक्टरों ने बाहर निकलकर बेटी के पिता का पूछा। मैंने कहा कि मैं मां हूं। मुझे बताइये क्या हुआ। उन्होंने मुझे बताने से इंकार कर दिया। मैंने पति और भैया को बुलाया। तब डॉक्टरों ने कहा उसके सिर में मेटल जैसी कोई नुकीली चीज धंसी है। इसके कारण उसके सिर में गहरा घाव हो गया है। इसके बाद डॉक्टरों ने उसका ट्रीटमेंट शुरू किया। 12 घंटे के संघर्ष के बाद अगले दिन सुबह 10.30 बजे उसने दम तोड़ दिया।

ये दर्दभरी कहानी उस मां की है जो अपनी 11 साल की बेटी माही शिंदे और 4 साल के बेटे हार्दिक को लेकर हीरा नगर थाना क्षेत्र की शारदा नगर कॉलोनी में गरबा देखने गई थी। मां रक्षा शिंदे ने हादसे के पहले की कहानी बताते हुए कहा कि उस दिन बेटी का मन कुछ अशांत था। वह गरबा करने की इच्छुक नहीं थी। कह रही थी, अगले साल करूंगी।
मां रक्षा से उसने कहा कल यहां (गरबा पंडाल) का हरा कारपेट जल गया था। लेकिन आज इन लोगों (आयोजकों) ने उसे बदल दिया। हमारा घर गरबा पंडाल से करीब आधा किमी दूर ही है। मैंने पति संतोष शिंदे से कहा कि मैं दोनों बच्चों को लेकर गरबा देखने जा रही हूं। पति उसके बाद से घर पर ही थे। पति की घर के बाहर ही किराने की दुकान है।

पुलिस पड़ताल करने की बजाय परिवार से ही कर रही पूछताछ
इस मामले की जांच कर रही पुलिस तीसरे दिन भी गलियों में चक्कर लगाती रही। लेकिन उनके हाथ कोई सुराग नहीं लगा। इधर मां का रो-रो कर बुरा हाल है। वही अपनी 11 साल की बेटी को न्याय दिलाने की गुहार कर रही है।
हमसे ही पूछ रहे है ना कोई वीडियो देखा ना सीसीटीवी
माही की मां ने बताया कि अभी तक पुलिस इस मामले में कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है। पुलिस हमसे ही वीडियो और सीसीटीवी देने की बात कर रही है। रात में पुलिस आई तो पति संतोष और मेरे बारे में जानकारी निकालने लगी कि हमारी शादी को कितना समय हुआ है। पास में संतोष के भाई अलग क्यों रहते हैं। पुलिस ने घटना वाली जगह पर अभी तक किसी से वीडियो के बारे में नहीं पूछा। जबकि कई लोग उस समय मोबाइल से वीडियो बना रहे थे। मेरी बेटी ने कारतूस से कितनी तकलीफ उठाई में कलेक्टर, सांसद और पुलिस अधिकारियों से कहना चाहूंगी की मेरी बेटी को न्याय मिले।

11 साल की माही अपनी मां के साथ गरबा देखने गई थी। वह मां की गोद में बैठी थी। तभी उसके सिर से खून का फव्वारा फूट पड़ा। मां को कुछ समझ नहीं आया। अस्पताल पहुंचने पर जब सिटी स्कैन किया गया तब डॉक्टरों ने बताया कि उसके सिर में गोली लगी थी।
मेरी बेटी सुरक्षित नही तो किसकी होगी
माही के पिता संतोष ने भी सीएम शिवराजसिंह चौहान से गुहार लगाई है कि जब इस मामले में उनकी बेटी सार्वजनिक जगह पर सुरक्षित नहीं तो किसकी बेटी सुरक्षित रहेगी। लोग घर में अवैध-कट्टे और पिस्टल रख रहे हैं। हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा। कॉलोनी में गोविंद नाम के व्यक्ति ने गरबे कराए थे। पुलिस ने अभी तक उससे भी पूछताछ नहीं की।

मां रक्षा और पिता संतोष को बेटी की मौत होने पर रिश्तेदार-पड़ोसी दिलासा देने आ रहे हैं।
मेरे बेटे के साथ खेलती थी बच्ची, ऐसे कौन सुरक्षा करेगा
माही की मौत से पूरी कॉलोनी में ही सन्नाटा है। पड़ोसी अजय नामदेव ने बताया कि उनका बेटा माही के साथ में खेलता था। अजय ने रोते हुए बताया कि माही की मौत हमारे लिए सदमा है। मेरे बेटे के साथ कौन खेलेगा। सार्वजनिक कार्यक्रमों में इस तरह के हादसे होने लगे तो शहर में कौन सुरक्षित रहेगा।
बच्ची की मौत कैसे-कब हुई जानने के लिए पढ़िए
बच्ची की मौत ऐसे बनी रहस्य
बच्ची की मौत..सिर में मेटल घुसने से पुलिस भी चकराई:पिस्टल की गोली नहीं, राइफल की हो सकती है; जानिए अंतर…
इंदौर के हीरानगर में मां की गोद में बैठकर गरबा देख रही 11 साल की बच्ची की गोली लगने से मौत के मामले में FSL टीम ने कई खुलासे किए हैं। बुधवार शाम FSL अधिकारी पोस्टमार्टम के बाद बच्ची के घर पहुंचे और मां के साथ अन्य लोगों से पूछताछ की। घटनास्थल पर सीन रीक्रिएशन भी कराया गया। एक्सपर्ट्स के अनुसार बच्ची के सिर में जो मेटल जैसा पार्ट मिला है, फिलहाल उसके बारे में निश्चित तौर पर कहना मुश्किल है कि ये टुकड़ा किस चीज का है। यहां पढ़िए पूरी खबर

बुलेट का यह टुकड़ा बच्ची के सिर में लगा था।
इंदौर में मां की गोद में बैठकर देख रही थी गरबा; अचानक सिर में लगी गोली
इंदौर में 11 साल की बच्ची की सिर में गोली लगने से मौत हो गई। बच्ची मां की गोद में बैठकर गरबा देख रही थी। तभी उसके सिर से अचानक खून का फव्वारा फूट पड़ा। मां को कुछ समझ नहीं आया और वह बेटी को लेकर सीधे अस्पताल पहुंची। घटना मंगलवार रात करीब 10.30 बजे की है। बच्ची ने 12 घंटे तड़पने के बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया। गोली किसने चलाई अबतक इसका पता नहीं चल पाया है। यहां पढ़िए पूरी खबर

शारदा नगर में बच्ची की मौत के बाद से ही सन्नाटा पसरा है।
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