उम्मीदों की परवाज: आरुषि के ‘स्पेशल थ्री’ का होटल ताज में प्लेसमेंट, बोल-सुन नहीं सकते, डाउन सिंड्रोम भी; संभाल रहे स्वागत से लेकर गेस्ट एंट्री करने के काम

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भोपाल24 मिनट पहले
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आरुषि में अभी 140 स्पेशल बच्चे… इन सभी बच्चों को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए किया जा रहा तैयार
दिव्यांग बच्चों के लिए उम्मीद है संस्था आरुषि। वहीं फिल्म गीतकार और निर्देशक गुलजार के लिए उनका दूसरा घर। गुलजार के लफ्जों में कहें तो यहां वो अपनी बैटरी चार्ज करने आते हैं। बच्चों से गुलजार दादू का क्या रिश्ता है, यह बयां करने के लिए लफ्ज तो नहीं हैं इन बच्चों के पास, लेकिन उनकी आंखों की चमक सब कह देती है। गुलजार ने इन बच्चों में हौसला, जज्बा और जुनून पैदा किया है।
यही कारण है कि यहां के 3 बच्चे अब भोपाल के ताज होटल में जॉब कर रहे हैं। भास्कर के रिपोर्टर ने ताज में जाकर इन बच्चों की एक्टिविटी को ऑब्जर्व किया। ये तीनों ही स्पेशल बच्चे हैं, इनमें दो लड़कियां शिवानी सेन और स्तुति डाउन सिंड्रोम से पीड़ित हैं। वहीं राहुल अहिरवार सुन और बोल नहीं सकते। होटल में तीनों प्रवेश करने के साथ ही अटेंडेंस लगाते हैं। मिरर में ड्रेस को चेक करते हैं। राहुल गेट पर गेस्ट को रिसीव करता है। शिवानी और स्तुति अतिथियों को तिलक लगाकर, आरती उतारती हैं और उन्हें तुलसी की माला पहनाती हैं।
इनके अपने-अपने काम, शिद्दत से निभाते हैं जिम्मेदारी
स्तुति रिसेप्शन पर गेस्ट की आईडी लेकर उनकी डिटेल फिल करती है, शिवानी कंप्यूटर पर एंट्री करती है। स्तुति बैक ऑफिस जाकर गेस्ट की आईडी का प्रिंट लेकर आती है और फिर उन्हें आईडी वापस करते हुए स्माइल के साथ थैंक्स बोलती है। इनकी मुस्कुराहट अतिथियों की थकान मिटा देती है।
ताज की जीएम बोलीं- तीनों हमारे स्टार एम्प्लाइज
ताज लेक फ्रंट की एरिया डायरेक्टर और जनरल मैनेजर कनिका हसरत ने बताया कि दो महीने पहले राहुल, स्तुति और शिवानी जब ताज परिवार का हिस्सा बने। हम इन्हें सिखा रहे हैं हॉस्पिटेलिटी और इनसे हम स्माइल करना और लोगों के दिल में उतरना सीख रहे हैं। ये हमारे स्टार एम्प्लाइज हैं। ताज का अट्रैक्शन ये तीनों बच्चे हैं।
खूबसूरत स्टेप, ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है
ये एक खूबसूरत स्टेप है। हम सिर्फ इन बच्चों की जरूरत का ध्यान ही नहीं रखें, इन्हें रिहैबिलिटेट भी करें, ताकि ये मेनस्ट्रीम का हिस्सा बने। अभी 3बच्चे ताज होटल से जुड़े, अब दूसरे कारपोरेट ग्रुप भी अन्य को मौका देंगे। ये भी नॉर्मल सोसायटी का हिस्सा बनेंगे। आरुषि के अनिल मुद्गल, अनिल जीनगर, अजय जैन और आरुषि के तमाम वॉलंटियर्स का प्रयास सफल हो रहा है। मैं ताज का शुक्रगुजार हूं। ऐसा इनिशिएटिव हमें सोसायटी में बहुत कम मिला हैं। थोड़ी फिक्र थी, लेकिन ग्रुप ने ट्रेनिंग दी। उसके बाद बच्चों ने भी प्रूव करके दिखाया। अब डिसएबल्ड बच्चे दिल्ली और मुंबई में भी ताज ग्रुप से जुड़ेंगे।
-गुलजार, गीतकार और निर्देशक
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